*वृद्धजनों के भरण पोषण तथा वृद्धाश्रम संचालन और एससी/ एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम संबंधी बैठक सम्पन्न।*
जिलाधिकारी श्री जोगिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक श्री विद्या सागर मिश्र की उपस्थिति में एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित और वृद्धाश्रमों के विकास, संचालन तथा वृद्धजनों के पुनर्वास व भरण पोषण विषयों पर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुई।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जनपद रामपुर में संचालित वृद्धाश्रम की स्वीकृत क्षमता 150 है। जिसके सापेक्ष वर्तमान में 92 वृद्धजन (पुरूष 59 एवं महिला 33) पंजीकृत हैं। इन आवासित वृद्धजनों को नि:शुल्क भोजन, कपड़ा तथा चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
उन्होंने बताया कि आवासीय सुविधा निःशुल्क दी जाती है और भोजन का प्रबंध निर्धारित मेन्यू के अनुसार ही कराया जाता है। इसके साथ ही वृद्धाश्रम में उनके मनोरंजन के लिए भजन-कीर्तन, टेलीविजन, आदि की सुविधा भी उपलब्ध है।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा नामित चिकित्सकों द्वारा समय-समय पर रुटीन चेकअप किया जाता है। पेयजल व साफ सफाई की समुचित व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त मानक के अनुसार अन्य व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को निर्देश दिए कि जिन वृद्धजनों का कोई निवास प्रमाण पत्र नहीं है और उन्हें वृद्धाश्रम में रहते 6 माह से अधिक का समय हो गया है, वृद्धाश्रम में निवासरत ऐसे सभी वृद्धजनों के आधार कार्ड व आय प्रमाण पत्र शीघ्र बनवायें, जिससे उन्हें सरकार द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को वृद्धाश्रम का समय-समय पर निरीक्षण करने तथा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाकर वृद्धजनों का चेकअप कराने के साथ ही वृद्धाश्रम में कैंप लगाकर सभी वृद्धजनों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के भी निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्ग हमारी सामाजिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है । मानक के अनुसार उनके भरण पोषण की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए और उनकी सुविधाओं के साथ ही आवश्यकताओं का भी ध्यान रखें। उनके जीवन में खुशियां लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित बैठक ली। जिसमें उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए की अत्याचार उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की पुष्टि होने के पश्चात समय से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए।
जिलाधिकारी ने जांच के अभाव में अधिक समय तक प्रकरण लंबित न रखने और भुगतान की कार्यवाही समय से करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों द्वारा नशा मुक्त जीवन शैली अपनाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करके नशा मुक्त भारत अभियान में योगदान देने की शपथ ली गई।