बिजली कंपनियों ने एमडी ने आयोग में कबूला 4 करोड़ अधिक हुई वसूली
– कास्ट डाटा बुक से विपरीत उपभोक्ताओं से वसूली के मामले में सभी वितरण…
– कास्ट डाटा बुक से विपरीत उपभोक्ताओं से वसूली के मामले में सभी वितरण कंपनियों के एमडी नियामक आयोग में हाजिर हुए
– आरटीआई कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने करी विधिक घेराबंदी
रामपुर कास्ट डाटा बुक के विपरीत बिजली उपभोक्ताओं से की गई अधिक वसूली के मामले में राज्य की सभी विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों ने मंगलवार को उ.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग में हाजिर होकर शपथ पत्र दाखिल किया। आयोग को बताया कि 4 करोड़ 1 लाख 22506 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से अधिक लिए गए हैं, जिन्हें वापस किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान आरटीआई कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने कहा कि बिजली कंपनियां झूठ बोल रही हैं। उपभोक्ताओं से कनेक्शन इस्टीमेट में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त वसूली की गई है। सुनवाई के दौरान आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य बीके श्रीवास्तव दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुए। उनसे कहा कि सभी खंडों की रिपोर्ट के साथ 22 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर हों। सभी बिजली कंपनियों के लिए अगली सुनवाई की तिथि 6 दिसंबर तय की गई। जिसमें एमडी उपभोक्ताओं की सूची के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी शंभू कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी में कास्ट डाटाबुक के विपरीत करीब 37 लाख 49 हजार 686 रुपये की अधिक वसूली की गई है। यह धनराशि 15 दिन के अंदर उपभोक्ताओं को दे दी जाएगी।
केस्को कंपनी कानपुर के एमडी अनिल धींगरा ने बताया कि उनकी कंपनी में केवल 60 हजार रुपये अधिक वसूले गये थे जो उपभोक्ताओं को दे दिए गए।
पश्चिमांचल के एमडी अरविंद मलप्पा ने कहा उनकी कंपनी में केवल 84 उपभोक्तारओं से 36 लाख 12 हजार 820 रुपये की अधिक वसूली की गई थी। इसमें से दो उपभोक्ताओं को 15052 रुपये वापस कर दिए गए हैं। दक्षिणांचल के एमडी अमित किशोर ने आयोग को बताया कि उनके क्षेत्र में केवल मैनपुरी में 12 उपभोक्ताओं से 40 हजार 802 रुपये की अधिक वसूली की गई। इस धनराशि को जल्द वापस कर दिया जाएगा।
वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह खंगरौत 25 मिनट विलंब से पहुंचे थे। जिस पर चेयरमैन ने कहा अब आपका केस बाद में सुना जाएगा। करीब एक घंटे बाद उन्हें सुना गया। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बिजली कंपनी में 1546 विद्युत उपभोक्ताओं से 3 करोड़ 27 लाख अधिक वसूले गए थे। वापसी के आदेश दे दिए गए हैं।