रामपुर ।माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के अनुपालन एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री गौरव कुमार श्रीवास्तव के निर्देशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत जिला कारागार रामपुर एवं तहसील बिलासपुर में प्राथमिक विद्यालय अकिलपुर, प्राथमिक विद्यालय पिपलिया मेहतो, प्राथमिक विद्यालय बेरखेडा, प्राथमिक विद्यालय अहरो में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया।
शिविरों की अध्यक्षता पूर्ण कालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री रमेश कुशवाहा द्वारा एवं उनके सहनिर्देशन में की गई।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनमानस को जागरूक करते हुए बताया गया कि एसिड हमले हिंसा का सर्वाधिक धातक स्वरूप है और यह अधिकांशतः महिलाओं के ऊपर होते है। हालांकि एसिड हमलों की रिपोर्ट विश्व के अनेक भागों से आई है, परन्तु भारत में एसिड हमलों के मामलों में वृद्धि हो रही है। हम समझतें है कि व्याभिचार, पुरूषों के प्रस्तावों को ठुकराने जैसे विभिन्न कारणों से धरेलू हिंसा के रूप में भी, महिलाओं पर एसिड फेंकना महिलाओं पर हमले का सर्वाधिक जघन्य रूप है। भारत के विधि आयोग की 226 वीं रिपोर्ट, जिसमें विशेष रूप से इस अपराध पर विचार किया गया है।
साथ ही बताया कि भारत के संविधान अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को जीवन और स्वंतत्रता के अधिकार की गारन्टी देता है। इसकी व्याख्या में सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है। इस अपराध की लैंगिक विशिष्टता और विभेदकारी प्रवृत्ति को देखते हुए हम इस अपराध को महिलाओं के विरूद्ध महज एक और अपराध मानकर नजरअंदाज नही कर सकते।
शिविर में उपस्थित अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागांे द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारियां देकर लोगों को जागरूक किया गया।
शिविरों में नायब तहसीलदार श्री अमरपाल, कानूनगो, लेखपाल, पैराविधिक स्वयं सेवक, ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे