भारतीय संस्कृति में गुरु: ज्ञान और आध्यात्मिकता का स्तंभ- गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम
भारतीय संस्कृति में, गुरु की भूमिका, आध्यात्मिक मार्गदर्शक – का बहुत महत्व है। संस्कृत शब्द गुरु “गु” से निकला है, जिसका अर्थ है अंधकार, और “रु” जिसका अर्थ है प्रकाश, जो अज्ञानता को दूर करने और ज्ञान और आत्मज्ञान के मार्ग को रोशन करने में गुरु की भूमिका का प्रतीक है। यह सार्वभोमिक सत्य भारतीय परंपराओं के विविध ताने-बाने में गहराई से अंतर्निहित है। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी जयंती भारती जी ने आज स्थानीय होटल में विशाल गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में अपने विचार में आगे कहा कि
भारतीय संस्कृति में, गुरु केवल एक शिक्षक नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक व्यक्ति है जो भौतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटता है। गुरु की भूमिका पारंपरिक शिक्षण से परे है; उन्हें दिव्य ज्ञान के अवतार और आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास की यात्रा में एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में देखा जाता है।
गुरु का प्रभाव रूढ़िवादिताओं की सीमाओं से परे है और शिक्षा, कला और व्यक्तिगत विकास सहित भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुरु की शिक्षाएँ अक्सर अनुशासन, विनम्रता और करुणा जैसे मूल्यों पर ज़ोर देती हैं, जो पूरे भारतीय संस्कृति में प्रतिध्वनित होती हैं और नैतिक और नैतिक मानकों के निर्माण में योगदान करती हैं। गुरु द्वारा दिए गए सिद्धांत – ज्ञान की खोज, ज्ञान की खेती और व्यक्तिगत विकास के लिए प्रयास करना – जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों को प्रेरित करना जारी रखते हैं।
भारतीय संस्कृति में, गुरु ज्ञान, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और नैतिक मार्गदर्शन का प्रतीक एक केंद्रीय व्यक्ति है। गुरु के प्रति श्रद्धा ज्ञान की खोज और शिक्षण की परिवर्तनकारी शक्ति के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाती है।
इस अवसर पर श्री मान बलदेव औलख जी(राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश),श्री मान मंजु नाथ टी सी(SSP उधम सिंह नगर),श्री प्रणीत गुप्ता जी(प्रांत सह संपर्क प्रमुख,मेरठ),श्री कुलवंत औलख जी(ब्लॉक प्रमुख,बिलासपुर),श्री राजकुमार ठुकराल(पूर्व विधायक रुद्रपुर),श्री भगवान सहाय जी(प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख,उत्तराखंड),श्री राजेश अग्रवाल जी(व्यापारी),श्री विशेष जी(RSS बरेली),
श्री भारत भूषण जी(समाजसेवी),श्री ऋषभ ठाकुर जी(जिला अध्यक्ष,युवा मोर्चा रामपुर),श्री लखविंदर खरबान्दा जी(समाजसेवी),श्री संजय ठुकराल जी(समाजसेवी),श्री अरविंद गुप्ता जी(अधिवक्ता बिलासपुर),श्री देवी लाल जी(मैनेजर मैट्रोपोलिस मॉल),
इत्यादि उपस्थित थे।