कागजी कार्यवाही में सिमटकर रह गया पौधारोपण अभियान
मनरेगा योजना में बड़ा गोलमाल,सार्वजनिक स्थानों पर नही हुआ पोधारोपण
ग्राम प्रधानों एवं पंचायत सचिवों के द्वारा मिलीभगत कर निजी खेतो में रोपित कराए गए पौधे
ग्राम प्रधानों व सचिवो की बल्ले- बल्ले,पौधारोपण की जगह किए गए पौधे वितरीत
चंद ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों पर हुआ पौधारोपण
समीक्षा हुई तो नपेंगे संबंधित अधिकारी व कर्मचारी
सहारनपुर (बेहट) , हाल ही में एक पौधा मां के नाम अभियान के अंतर्गत युद्ध स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया गया लेकिन यह अभियान कागजी कार्यवाही में ही सिमटकर रह गया। किसी भी ग्राम पंचायत में पौधारोपण अभियान धरातल पर नहीं बल्कि हवा में हो गया सरकार ने पौधारोपण अभियान के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत को करीब 2 से ढाई हजार बेशकीमती शीशम,सागौन,खैर,साल, युकेलिप्सिट,पीपल आदि पौधे उपलब्ध कराए थे लेकिन ग्राम पंचायतो में खाना पूर्ति के नाम पर 200 से ढाई सौ पौधे ही लगाए गए। पौधारोपण अभियान को अभी एक महीना भी नही हुआ है यदि अभियान की समीक्षा की जाए तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी नपने की कगार पर हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है उठता है कि जब सार्वजनिक स्थानों पर ही पौधारोपण होना था तो फिर उपलब्ध कराए गए पौधे कहां गए।
संबंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी पौधों के साथ सेल्फी लेकर केवल खाना पूर्ति की है ताकि वह उच्च अधिकारियों को दिखा सके कि उन्होंने पौधारोपण किया है। मिली जानकारी के अनुसार अधिकतर पौधे ग्राम प्रधान एवं सचिवों की मिली भगत से किसानों के खेतों में लगवाकर मनरेगा योजना में पैसे की बंदरबांट की गई है हालांकि पौधारोपण सार्वजनिक स्थानों पर होना था!