शाहबाद में बारिश की बूंदो से शुरू होता है बिजली की आंख मिचौली का खेल, शाहबाद नगर में जब कुदरत की तरफ से जब बारिश शुरू होती है तो गर्मी से लोग निजात पाते हैं मगर बारिश की बूंदे आते ही शाहबाद बिजली घर पर कोई न कोई अड़चन आ खडी होती है जिसकी वजह से शाहबाद नगर की बिजली गुल हो जाती है जबकि सरकार ने शाहबाद नगर को अच्छी बिजली मुहैया कराने के लिए 132 केवीए का बिजली घर का निर्माण कर कर शाहबाद की जनता को खुशी का एहसास कराया था मगर बिजली विभाग के अधिकारियों ने शाहबाद नगर के बिजली घर को भीतरगांव वार्ड नंबर 2, 3 में बनवा दिया जिसकी दूरी लगभग शाहबाद नगर से 132 केवीए बिजली घर से तीन या चार किलोमीटर होगी मगर इतनी दूरी पर भी बारिश आने पर बिजली का आखं मिचौली का खेल शुरू हो जाता है कहीं पेड़ बिजली के तारों पर गिर जाता है तो कहीं पेड़ पर तार गिर जाते है जिसकी वजह से बिजली की आंख मिचौली का खेल चलता रहता है बिजली विभाग के कर्मचारी बारिश का नाम लेकर बच जाते हैं मगर शाहबाद की जनता बिजली न आने की वजह से पानी की बूंद बूंद को तरस जाती है पता नहीं शाहबाद नगर मे बिजली की आंख मिचौली के खेल से कब छुटकारा मिलेगा क्योंकि जिस रूट से 132 केवीए से शाहबाद बिजलीघर भीतरगांव को बिजली की लाइन जा रही है उसे रोड पर लखी बाग के कोने पर बासी के पेड़ खड़े हैं जो आए दिन बिजली के तारों को टच करते हैं वहीं दूसरी तरफ राजकीय इंटर कॉलेज शाहबाद के ग्राउंड में यूकेलिप्टस के पेड़ बारिश की वजह से रोड के किनारे पर गिर रहे हैं जो बिजली की लाइनों को भी तोड़ देते हैं जिसकी वजह से बिजली काफी लंबे समय तक शाहबाद नगर की गुल हो जाती है यहां तक की लोग कैंडल जलाकर अपने घर में रोशनी करते हैं मगर न तो राजकीय इंटर कॉलेज के स्टाफ को इसकी परवाह है कि यह पेड़ क्यों गिर रहे हैं और न ही बिजली घर को अब देखना यह है कि किस तरह से शाहबाद नगर वासियों को बिजली की सप्लाई सही ढंग से बिजली विभाग मुहैया कराता है

