आरक्षित पीपली जंगल की कटान पर महकमा विफल
स्वार । अम्बरपुर, पहाड़पुर वन रेंज में अवैध कटान तेज हो गया है। विभागीय मिलीभगत से तस्कर पेड़ों पर कुल्हाड़ी बजा रहे हैं। इन दिनों जगह जगह फर्नीचर उद्योग फल फूल रहा हैं। स्थिति यह है कि वन माफिया शाम होते ही अपने काम पर लग जाते हैं। दिन के उजाले में भी इनकी कुल्हाड़ी से हरे पेड़ों की कटान की जा रहती है ।
चंदेला, पहाड़पुर,धारा नगरी,अम्बरपुर,मिलक खानम, गोविंदपुरा बीट में गर्मी बढ़ते ही हरे पेड़ों की कटान तेज हो गई। तस्करों द्वारा बुधवार की रात अम्बरपुर जंगल में कीमती सागौन के एक पेड़ को काटा गया है। साथ ही पहाड़पुर बीट में भी एक शीशम का पेड़ तस्करों द्वारा काट दिया गया। पेड़ों की अंधाधुंध कटान से जहां एक तरफ वन संपदा को क्षति पहुंच रही है, वहीं सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा है। हरे पेड़ों की अवैध कटान से पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ रहा है। यहां के जंगल से काटी गई लकड़ी गैर जनपदों व उत्तराखंड में भी जाती है। सलार पुर पीपली वन क्षेत्र के अम्बरपुर व चंदेला बीट के जंगल से वन विभाग की टीम ने बुधवार की रात नौ गोटा सागौन व दो गोटा शीशम की लकड़ी बरामद की है। इस दौरान तस्कर अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। वन विभाग की टीम को मुखबिर द्वारा सूचना मिली की अम्बरपुर बीट के जंगल में तस्करों द्वारा खैर का पेड़ काटा गया है। लकड़ी को तस्कर ले गये। दिन में जंगल माफिया विभाग से मिलकर हरे पेड़ काटते हैं व रात को वाहनों में भरकर दूसरे जनपदों को ले जाते हैं । इनमें वन विभाग के अस्थायी कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है ।
आरक्षित पीपली वन क्षेत्र वन संपदा से भरपूर है लेकिन वन दरोगा कुलदीप सिंह व इसके साथियों की सरपरस्ती में अबैध कटान जारी है । कीमती हरे पेड़ों को काटकर वन तस्कर पूरे वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, जलवायु परिवर्तन पर्यावरण व वन विभाग यदि चेता नहीं तो नुकसान अधिक हो जाएगा ।