जिले कुछ थोक दवा विक्रेता खुलेआम बेच रहे हैं नशा
– शाम होते ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार के साथ सजने लगती है महफ़िल
-औषधि निरिक्षक के संरक्षण में चल रहा है नशे का अबैध धंधा
– बिना फार्मासिस्ट की उपस्थिति में बिक्री की जा रही हैं बिना प्रिस्क्रिप्सन पर शेड्यूल ड्रग्स
ऊधम सिंह नगर (उत्तराखण्ड) । जिले कुछ थोक दवा विक्रेता की दुकानें नियम-कानून को धता बता रही हैं। यहां खुलेआम युवाओं को नशा बांटा जा रहा है। औषधि विभाग की टीम ने ऊधम सिंह नगर स्थित दवा की एक दुकान पर छापा मारा तो न दुकान मालिक मिला और न फार्मेसिस्ट। जबकि दुकान पर मानकों के विपरीत सेडेटिव्स व साइकोट्रॉपिक दवाओं की बिक्री की जा रही थी। जिस पर टीम ने दुकान कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए ड्रग लाइसेंसिंग अथार्टी को लिखा है। दवा विक्रेता को स्पष्टीकरण के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
युवा अब मादक पदार्थो के साथ ही नशा करने वाले दर्द निवारक, खांसी के सीरप व नींद की गोलियां तक गटक रहे हैं। जो किसी भी दवा की दुकान पर उन्हें आसानी से मिल जाती हैं। जबकि, दवा विक्रेताओं को सख्त निर्देश हैं कि वह बिना डॉक्टर की सलाह दवा न बेचें। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ विभाग अभियान छेड़े हुए है। ड्रग विभाग की टीम ने जनपद ऊधम सिंह नगर में विभिन्न दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एक दवा विक्रेता अपनी दुकान खुली छोड़कर भाग खड़ा हुआ। विभाग को इसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
इसके अलावा ऊधम सिंह नगर में एक मेडिकल स्टोर पर सेडेटिव्स व साइकोट्रॉपिक दवाओं की बिक्री मानकों के विपरीत मिली। यहां न दुकान मालिक था, न दवा देने वाला व्यक्ति ही प्रशिक्षित था। विभाग ने दवा विक्रेता से स्पष्टीकरण के साथ ही क्रय-विक्रय का ब्योरा भी तलब किया है। ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने कहा कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के नियमों का पालन न करने पर दवा विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जबसे नवनियुक्त औषधि निरीक्षक नीरज कुमार को ऊधम सिंह नगर का अतरिक्त कार्यभार संभाला है कुछ थोक विक्रेता नशे के धंधे को खुलेआम कर रहे है ओर अपनी ऊंची पहुंच के कारण अभियान व छापामारी की कार्यवाही की सूचना पहले से मिल जाती है । जिसके कारण यह थोक विक्रेता अभी तक बचते आय हैं । शाम होते ही इन दवा विक्रेताओं की महफ़िल सजने लगती है जिसमें ड्रग के निरिक्षक से लेकर औषधि लिपिक भी शामिल रहते है । इन थोक विक्रेताओं के ड्रग के आला अधिकारियों से पारिवारिक सम्बंध हैं ओर मौके पर लाखों रूपय भी खर्च करते हैं। कुछ दवा निर्माताओं ने अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए औषधि निरीक्षक नीरज कुमार को प्राइवेट गाड़ी व अन्य सुविधायें दे रखी हैं।