पीपली जंगल में वन विभाग की मिलीभगत से काटे जा रहे खैर के पेड़
– तस्करी में शामिल हैं वन विभाग के कर्मी
– वन विभाग का फॉरेस्टर संजय कुमार सक्सैना व कपिल कुमार फॉरेस्ट गार्ड पीपली स्वार रेंज इस अवैध कटान में शामिल है
स्वार। पीपली जंगल में खैर के पेड़ों का अवैध कटान चल रहा है। स्वार क्षेत्र के पीपली जंगल में वन विभाग की नाक के नीचे खैर के पेड़ों का अवैध कटान चल रहा है। तस्कर वाहनों के जरिये लकड़ी को उत्तराखंड स्थित कत्था फैक्ट्री में स्टाक कर रहे हैं। पीपली के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि आदि ने आरोप लगाया कि तस्कर वन निगम का कटान होने का हवाला देते हुए मैजिक, केंटर वाहनों के जरिये खैर के गिल्टे भरकर ले जाए जा रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध करने पर वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा गिल्टों को वन निगम के लिए ले जाने की बात कही जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वार रेंज के वन विभाग कर्मी तस्करी में लिप्त हैं। अब तक करीब तीन दर्जन से अधिक खैर के हरे पेड़ कट चुके हैं, जिन पर वन विभाग की कोई मुहर नहीं लगी है। सूत्रों के अनुसार यह गोरखधंधा दो सालों से चल रहा है, लेकिन वन विभाग की चुप्पी अपने आप में कई सवाल खड़े कर रही है। — शराब पिलाकर ग्रामीणों से ही कटवा रहे पेड़ ग्रामीणों ने बताया कि सीधे-साधे ग्रामीणों को कुछ पैसे व शराब का लोभ देकर जंगल में अवैध तरीके से खैर के पेड़ कटवाए जा रहे हैं। पेड़ काटने से मना करने पर तस्कर सीधे सादे लोगों को डरा-धमकाया भी रहे हैं। वाहनों में छिपाकर कर रहे तस्करी । उत्तराखण्ड की सीमा से लगा यह जंगल है तस्कर इसका फायदा उठाकर तस्कर अन्य वाहनों में खैर की लकड़ी छिपाकर हल्द्वानी कत्था फैक्ट्री ला रहे हैं। अधिक वाहन होने के कारण इस मार्ग पर चेकिंग भी नहीं होती। पूर्व में एक वाहन में अवैध लकड़ी को रेता-बजरी में छिपाकर लाया गया था, जिस पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई थी। वर्जन- ऐसा मामला संज्ञान में आया था। मौके पर अवैध कटान का मामला नहीं पाया गया। पेड़ों का छपान कर वन विभाग ने कटान के लिए वन निगम को सौंपा है।फिर भी मामले की जांच की जा रही है। अवैध कटान का मामला सामने आता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। -, डीएफओ रामपुर जनपद वन क्षेत्र