आरक्षित पीपली वन क्षेत्र में तस्करों ने लाखों के खैर के पेड़ों को काट डाला
रामपुर। पीपली वन मे वन तस्करों ने एक बार फिर धावा बोलकर खेर के कई बेशकीमती पेड़ों का कटान कर ले गए। सुबह होने पर वन विभाग को जानकारी हुई तो विभाग मे हड़कंप मच गया।
तहसील क्षेत्र स्थित पीपली वन में तस्कर फिर सक्रिय हो गए हैं। आज रात तस्करों ने पीपली वन मे एक बार फिर धावा बोल दिया। तस्करों ने बेशकीमती खैर के कई पेड़ काट गए, ओर लकड़ी के लट्ठे लेकर फरार हो गए। पीपली वन में खैर, सागौन और शीशम समेत अन्य वन संपदा कई हजार हेक्टेयर में फैली हुई है। शनिवार की रात तस्करों ने खैर के कई विशालकाय पेड़ों को आरों एवं कुल्हाड़ों से काट कर लकड़ी लेकर फरार हो गए। रात होने के कारण वन सुरक्षा कर्मी उन्हें ललकारने तक का साहस नहीं दिखा सके। सुबह होने पर वन कर्मियों ने मौके पर पेड़ों के ठुठ को देखा।
जानकारी अनुसार चोरी से काट कर तस्करी कर ले जाई गई खैर की लकड़ी का मूल्य लगभग तीस लाख आँका गया। पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने बताया कि पीपली वन में अवैध कटान की शिकायत प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीमती ममता संजीव दूबे आईएफएस व मुख्यमंत्री से की जा चुकी है लेकिन कटान फिर भी नहीं रुक पा रहा है। वन कर्मियों की मिली भगत से कई हजार हैक्टेयर में फैला आरक्षित वन क्षेत्र मैदान बनता जा रहा है । कुछ दिन ही बाकी हैं कि जंगल अस्तिव ही खत्म हो जाएगा । दुर्लभ व कीमती लकड़ी का जिस प्रकार मिलीभगत वन माफिया कटान कर रहे हैं ।