बिलासपुर नगर पालिका परिषद में कार्यरत रोहित कोंट्रक्टर्स आउटसोर्सिंग कंपनी का अनुबंध निरस्त हो: साथ ही रिकवरी भी की जाय
– सेवा प्रदाता कंपनी ने किया लाखों रुपए का पीएफ घोटाला
बिलासपुर। नगर पालिका परिषद में सेवा प्रदाता (आऊटसोर्सिंग) कंपनी को कुचक्रपूर्ण ढंग से टेंडर हासिल किया गया है। सेवा प्रदाता कंपनी का अनुबंध निरस्त करने की मांग की है साथ ही कम्पनी द्वारा नियम विरुद्ध किए गए घोटालों की जॉच भी करते हुए हुए एफआईआर कराने की मांग की हैं नगर पालिका परिषद के पांच बर्खास्त कर्मचारीयों ने विभाग में बरती जा रही अनियमितताओं के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया उक्त कंपनी बिना किसी नवीनीकरण के कार्य कर रही है तथा अनुबन्ध की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है । कर्मचारियों पीएफ तो काट लिया जाता है लेकिन सेवा प्रदाता कंपनी अपनी हिस्सेदारी जमा नहीं कर रही है । इस लिए सालों से पीएफ घोटाला चला जा रहा है ।
डीएम रामपुर को बर्खास्त कर्मचारीयों ने शिकायती पत्र पर जांच करने की मांग की है। बर्खास्त कर्मचारीयों ने ऑउट सोर्सिंग कंपनी रोहित कोंट्रक्टर पर लगाए आरोपों की बिंदुवार जांच की मांग की। यही नहीं, उन्होंने नगर पालिका परिषद कार्यालय में रखी आउटसोर्सिग कर्मचारीयों से संबंधित फाइलों को अपने कब्जे में लेते हुए गहन छानबीन की जाए।
ऑउट सोर्सिंग कम्पनी द्वारा जो कार्य कराए गए थे, उनकी कार्यालय आदेश तत्काल जारी कर दिए गए। कम्पनी द्वारा सेवा अवैधानिक तरीके से सेवा प्रदाता का कार्य प्राप्त किया, जबकि कंपनी के पास किसी भी सरकारी विभाग में ‘ए’ श्रेणी ठेकेदारी का पंजीकरण नहीं है। टेंडर की शर्तानुसार पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए था, जबकि रोहित कोंट्रक्टर
द्वारा दो वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र दाखिल किया गया। इससे स्पष्ट है कि कंपनी को नियम विरुद्ध कांट्रेक्ट दिया गया। यही नहीं, रोहित कोंट्रक्टर ने कंपनी द्वारा कर्मचारियों को अनुबंध के अनुसार वेतन के भुगतान की जगह प्रतिमाह कम वेतन दिया गया। इसमें बहुत संख्या में कर्मचारियों के खाते भी नहीं खुलवाए गए, जिस कारण उन्हें अकाउंट के माध्यम से भुगतान नहीं किया गया।
शासनादेश अनुसार खाते खुलवाकर ही भुगतान किया जाना चाहिए था। सेवा प्रदाता रोहित (रोहित कोंट्रक्टर) द्वारा कर्मचारियों को अनियमित/कम भुगतान कर पालिका/शासन के पैसे का गबन किया गया। जो भुगतान कंपनी द्वारा बगैर खाता खोले किया गया, उसका कोई रिकार्ड नहीं दिखाया गया। जबकि, भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाना चाहिए था। इससे स्पष्ट है कि वह धनराशि सेवा प्रदाता द्वारा स्वयं ही उपभोग कर ली गई है। किसी कर्मचारी को भुगतान नहीं किया गया है।
उच्च अधिकारी ने कहा कि जिन कर्मचारियों को कम पैसे का भुगतान किया गया है, उन्हें अनुबंध की शर्तों के अनुसार पूरी धनराशि का भुगतान कराया जाए। जो भुगतान किया गया था और जो भुगतान किया जाना था, उसके अंतर का भुगतान कर्मचारियों को तत्काल सेवा प्रदाता से कराया जाए। जो धनराशि हड़प कर ली गई है, उसे सेवा प्रदाता से रिकवर किया जाए। सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा टेंडर की शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। उसने नगर पालिका के कर्मचारियों से दुरभि संधि कर अनियमित तरीके से टेंडर प्राप्त किया है। सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा नगर पालिका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ पालिका को भारी वित्तीय हानि पहुंचाई गई है। सेवा प्रदाता कंपनी का अनुबंध तत्काल समाप्त कर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
कार्रवाई से बचे नगरपालिका कर्मी
आऊट सोर्सिग के ठेका में जिन नगर पालिका कर्मचारियों ने ठेकेदार के साथ दुरभि संधि की है, उन पर अब तक कोई कार्रवाई के आदेश नहीं हुए हैं। यदि दुरभि संधि करने वाले अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में आए तो कइयों का नपना तय है। जिलाधिकारी की जांच अभी अन्य बिंदुओं पर होनी है। बता दें कि रोहित कोंट्रक्टर पर वित्तीय अनियमिताएं,सेवा प्रदाता कंपनी एवम कर्मचारी के बीच अनुबंध न होना अथवा शर्तों का पालन न करना, कर्मचारीयों का भविष्य निधि पीएफ अकाउंट का न होना,उनका पीएफ खुद खाना तथा भारत सरकार के रोजगार एवम श्रम मंत्रालय द्वारा आउट सोर्सिंग सेवा प्रदाता के लिए बनाई नियमावली का पालन न करना जैसे गंभीर आरोप लगाए गए है
उक्त सम्बन्ध एक शिकायती पत्र सहायक निदेशक श्रम रामपुर, श्रम आयुक्त कानपुर, निदेशक स्थानीय निकाय को भी लिखा गया
यहां यह बताना भी जरूरी है वर्तमान में कार्यरत अधिशासी अधिकारी पूर्व में इसी प्रकार के घोटाले में एक जनहित याचिका में आईपीसी की धारा 419,420,467,468 एवम् 120 बी के अंतर्गत जेल की हवा खाकर आ चुके हैं । लेकिन ईओ पुनः आंख मूंदकर इस घोटाले को देख रहे हैं ओर आउट सोर्सिंग के फर्जी बिलों पर अपने हस्ताक्षर कर रहे हैं