रामपुर:- (बिलासपुर) 👉 जिला रामपुर की बिलासपुर तहसील के गांव टेमरा में स्थित GPL धागा फैक्ट्री में बृहस्पतिवार की शाम एक मजदूर की मौत हो गई और फैक्ट्री कर्मचारी उसे उत्तराखंड स्थित निजी अस्पताल ले गए हैं
👉फैक्ट्री में काम कर रहे हैं मजदूरों ने उसकी पहचान दीपक पुत्र नरेश आयु 35 वर्ष के रूप में कराई मृतक के परिवार में दो बच्चे खुशी 11 वर्ष व देव 9 वर्ष और पत्नी मनीषा है
👉मृतक दीपक केमिकल वाटर प्रूफ का कार्य रेनवो कंपनी गाजियाबाद के ठेकेदार कुंदल के देखरेख में गणेशा इकोस्फीयर फैक्ट्री में करता था। वह जिला बुलंदशहर के थाना नरसेना का रहने वाला था । मृतक की पत्नी ने बताया वह कई सालो से फैक्ट्री में काम कर रहा था।मृतक दीपक की पत्नी और बताया कि हमें देर से सूचना दी गई और कहा की दीपक के साथ एक छोटा सा हादसा हो गया है हमें यहां आकर पता चला की दीपक की मृत्यु हो चुकी है
👉मजदूर मृतक दीपक के परिजनों ने फैक्ट्री मैनेजर और ठेकेदार पर आरोप लगाया कि हमें बृहस्पतिवार की पूरी रात शुक्रवार की दोपहर तक मृतक दीपक से नहीं मिलने दिया गया और ना ही यह बताया कि उसको कहां रखा गया है परेशान और मजबूर होकर हमने उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित यू.पी.पुलिस चौकी में शिकायत की कुछ परिजन सूचना देने बिलासपुर कोतवाली पहुंच गए तब कहीं जाकर जी पी एल फैक्ट्री के कर्मचारी और और मैनेजर ने बताया दीपक का शव उत्तराखंड स्थित निजी अस्पताल में रखा हुआ है पुलिस ने शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
👉मृतक दीपक की पत्नी मनीषा ने अपने पति की मौत के लिए फैक्ट्री के H. R मैनेजर और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया।
👉हमारे चैनल के संवाददाता ने फैक्ट्री के एच आर मैनेजर से बात की तो उन्होंने बताया मैं मीटिंग में हूं हमारी फैक्ट्री में कोई हादसा नहीं हुआ है मेरी संज्ञान में नहीं है
👉फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि मृतक दीपक ने बरसात में फैक्ट्री की छत (टीन सेट )के ऊपर चढ़कर काम करने से मना किया तो ठेकेदार कुंदल सिंह और फैक्ट्री कर्मचारियों ने धमकाते हुए जबरदस्ती बिना सेफ्टी बेल्ट के छत पर केमिकल की पेंटिंग करने भेज दिया गया।फैक्ट्री की छत काफी फिसलन भरी थी जिस कारण काम करते वक्त दीपक का पर फिसल गया और वह 30-35 फुट नीचे गिरा पड़ा और उसकी मौत हो गई मजदूर दीपक की मौत के जिम्मेदार फैक्ट्री संचालक मैनेजर और ठेकेदार है क्योंकि इन्हीं लोगों ने बरसात में दीपक को काम करने के लिए छत पर चढ़ाया था फैक्ट्री मैनेजर मजदूर दीपक की जिंदगी की कीमत कुछ पैसों में देकर समझौते का प्रयास कर रहे हैं इन्हें उसे गरीब मजदूर की मृत्यु का कोई दुख नहीं
👉जीपीएल फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी व मजदूर बताते हैं की फैक्ट्री के मैनेजर और ठेकेदारों का व्यवहार मजदूरों के प्रति अच्छा नहीं रहता मजदूरों को तो गाजर मूली की तरह समझते है इनके मन का काम न करने पर काम से निकालने की धमकी देते हैं
👉फैक्ट्री के अंदर पहले भी कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं फैक्ट्री प्रबंध तंत्र चंद रुपए देकर मामले को रफा दफा कर देते हैं लेकिन किसी मजदूर को बोले की इजाजत नहीं है अगर कोई फैक्ट्री के अंदर की सूचना देता है या किसी को बताता है तो उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देते हैं वहां के मजदूरों का कहना है कि हम अलग-अलग शहरों से आए हुए हो और यहां पर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं हम यहां बंदुआ मजदूरो की तरह काम करते हैं
👉शुक्रवार की देर रात तक फैक्ट्री कर्मचारी और एचआर मैनेजर मृतक दीपक के परिजनों से ले देकर मामला रफा दफा करने की कोशिश करते रहे लेकिन वह नहीं माने और दीपक का शव लेकर अपने गांव चले गए
👉खबर लिखे जाने तक पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक के परिजनों की तरफ से कोई भी तहरीर नहीं दी गई है !