रामपुर रज़ा लाइब्रेरी (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार)
दुनिया में सबसे बड़े मतभेद मुख्यतः धर्म और भाषा को लेकर होते हैं। बहुभाषावाद, बहुमज़हबी और बहुसंस्कृतिवाद पर आधारित रामपुर रजा लाइब्रेरी दुनिया की एक अनूठी संस्था है जो बड़े पैमाने पर मानवता के लिए आपसी सद्भाव और सुसंगत जीवन का विश्व दृष्टिकोण विकसित करती है। रामपुर रजा लाइब्रेरी में दुनिया की अठारह से अधिक भाषाओं में दुर्लभ पांडुलिपियों का भंडार है। इमारत के चारों ओर आठ मीनारें बहुमज़हबवाद का महान प्रतीक हैं, पुस्तकालय मीनार का पहला भाग एक मस्जिद के आकार में बनाया गया है, इसके ठीक ऊपर का हिस्सा एक चर्च जैसा दिखता है, तीसरा हिस्सा एक सिख गुरुद्वारे के वास्तुशिल्प डिजाइन को दर्शाता है, और सबसे ऊपरी हिस्सा एक हिंदू मंदिर के आकार में बनाया गया है।
इसके अलावा, रामपुर रजा पुस्तकालय में पांडुलिपियों, लघु चित्रों, इस्लामिक सुलेख के नमूने, कला वस्तुएं, खगोलीय उपकरण, ऐतिहासिक सोने और चांदी के सिक्के और लगभग 65,000 मुद्रित पुस्तकों सहित लगभग 17000 दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है। पुस्तकालय में पत्र-पत्रिकाओं का एक बड़ा एवं महत्वपूर्ण संग्रह है। हामिद मंजिल, एक शानदार इमारत है जिसमें दुनिया की प्रसिद्ध रामपुर रजा लाइब्रेरी है। रामपुर रजा लाइब्रेरी को दुनिया की सबसे खूबसूरत लाइब्रेरी में से एक माना जाता है।
पुस्तकालय की स्थापना 7 अक्टूबर 1774 को हुई थी, यह इसका 250वां वर्ष है। रामपुर रजा लाइब्रेरी की 250वीं वर्षगांठ के जश्न के अवसर पर, विश्व स्तर पर प्रशंसित संस्था द्वारा वैश्विक परिदृश्य के संदर्भ में “वैश्विक आख्यानों की पुनर्कल्पना परिप्रेक्ष्य और भविष्य का मार्ग पर एक संभाषण का आयोजन कर रही है। दुनिया भर के प्रमुख बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के विभिन्न विचार-विमर्श हमारे सामने आने वाली मानवीय समस्याओं के लिए एक स्थायी और व्यवहार्य मार्ग प्रदान करने में असमर्थ है।
आयोजित होने वाले कार्यक्रम में डॉ० पुष्कर मिश्र जी, निदेशक महोदय रामपुर रजा पुस्तकालय,
अपने मुख्य भाषण में “आश्रम परंपरा’ को वैश्विक मानवता के लिए एक मार्ग के रूप में प्रस्तुत करेंगे। बिना
भाषा, मज़हब, जाति, क्षेत्र, नस्ल, लिंग, भू-भाग आदि का भेद किए आश्रम परंपरा पूरी मानवता के लिए है,
जो उत्कृष्टता और पूर्ण जीवन शैली की खोज़ में पांच हजार, वर्षों से अधिक मानव प्रयास के ज्ञान से प्रेरणा
लेती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान जी समस्त मानवता द्वारा सामना की जा रही प्रमुख समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे और भारतीय दृष्टिकोण से एक नए वैश्विक व्यवस्था के मार्गों पर प्रकाश डालेंगे।