माफिया ने काट डाले हरे-भरे व प्रतिबंधित पेड़, ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा
यूपी प्रभारी शराफत हुसैन बिल्हौर
बिल्हौर,जहां एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर लाखों पेड़ लगवा रही है , वहीं लकड़ी माफिया छूट के पेड़ों को काटने के साथ-साथ प्रतिबंधित पेड़ों को भी उजाड़ने में संकोच नहीं कर रहे हैं। सोमवार को बिल्हौर क्षेत्र में प्रतिबंधित नीम के पेड़ों पर आरा चलवा रहे एक लकड़ी माफिया को ग्रामीणों ने सूचना पर पहुंची वन विभाग और स्थानीय पुलिस को पकड़कर सौंप दिया।
बिल्हौर थाना क्षेत्र के गांवों में लकड़ी माफियाओं के द्वारा निजी और सरकारी जमीन पर खड़े छूट के पेड़ों को उजाड़ने के साथ-साथ प्रतिबंधित आम, जामुन व महुआ आदि पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है और वन विभाग ने जिन्हें हरियाली का जिम्मेदारी सौंपी गई है उन्हीं की मिली भगत से उसे उजाड़ने का पूरा खेल खेला जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल बिल्हौर थाना क्षेत्र में सोमवार को वन विभाग कार्यालय से 3 किलोमीटर दूर महिगवां गांव से कुछ दूरी पर देखने को मिला। जहां एक लकड़ी ठेकेदार के द्वारा प्रतिबंधित हरे नीम के दो पेड़ों को काटा जा रहा था। रात से चल रहे कटान में सुबह होते होते एक ट्राली लकड़ी को लादकर वहां से बिक्री के लिए भेज दिया गया। कुछ ग्रामीणों को मामले की भनक लग गई और ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी। ग्रामीणों की माने तो सूचना के बाद वन विभाग के एक कर्मचारी ने मौके पर पहुंचकर लकड़ी माफिया को आगाह कर दिया। जिससे लकड़ी काट रहे लोग मौके से भाग निकले। इसी बीच स्थानिक पुलिस और वन विभाग के एक जिम्मेदार कर्मचारी सहित कुछ और लोग मौके पर पहुंच गए। दोनों टीमों को आता देख ग्रामीणों ने पेड़ों को कटवा रहे माफिया को दौड़ा कर पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस पकड़े गए लकड़ी माफिया को अपने साथ थाने ले आई लेकिन वन विभाग ने देर रात तक पकड़ी गई प्रतिबंधित लकड़ी को वहां से उठवाने की जरूरत नहीं समझी। लोगों की माने तो देर रात तक मामले को मैनेज करने के प्रयास चलता रहा। इसी क्षेत्र में कुछ दिन पहले आम के पेड़ों का पूरा बाग दो लकड़ी माफियाओं के द्वारा उजाड़ दिया गया था और उसकी खबर मीडिया में आने के बाद जुर्माने की मामूली कार्यवाही कर मामले को रफा दफा कर दिया गया था।
कुछ इसी तरह क्षेत्र में गंगा किनारे स्थित गदनापुर गांव में निजी भूमि पर मौजूद भारी जंगल में लगभग 500 गैर प्रतिबंधित हरे पेड़ों को लकड़ी माफियाओं ने काटकर धराशाई कर दिया। लोगों की माने तो कटान में बीच-बीच प्रतिबंध हरे भरे आम और नीम के पेड़ों को भी काटा जाता रहा और शेष बचे पेड़ों को भी काटा जाना तय है। मामले में स्थानीय से लेकर जिले तक के अधिकारियों की जांच के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। लोगों की माने तो मामले में एक बड़े नेता का हाथ होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी के चलते मीडिया में तमाम खबरें आने के बाद भी लकड़ी माफिया के हौंसले बुलंद हैं। मामले में पुलिस ने लकड़ी माफिया को हिरासत में लेकर कार्यवाही कर रही है