रामपुर । केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने से स्पष्ट है कि लोकतंत्र में सत्याग्रह वआंदोलन ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जिससे तानाशाही प्रवृत्ति की शक्तियों को झुकाया जा सकता है । आज व्यापारी खाद्या तेल, तिलहन व दलहन पर लगाई गई स्टॉक लिमिट, फूड एक्ट के काले कानूनों,जीएसटी में हो रहे उत्पीड़न एवं सभी कागजात पूरे होने पर भी रास्ते में अवैध वसूली होने गाड़ियों को रोक कर नाजाएज जुर्माने थोपने,व्यापारियों के साथ रोजाना हो रही लूट व हत्या की वारदातें बैंकों का नाजयाज उत्पीड़न से व्यापारीअतयंत परेशान है केवल आंकड़ों को छुपाया जा रहा है प्रतिदिन कहीं ना कहीं से व्यापारियों की आत्महत्या के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। कुछ घटनाओं को व्यापारी परिवार के लोग छुपा लेते हैं और जो घटना सामने आती हैं उसे सरकारी मशीनरी जबरदस्ती दबाने का काम करती है। संपूर्ण व्यापारी जगत तबाह व वर्बाद होने के कगार पर है व्यापारियों एवं उधमियों के सम्मान की लढाई के लिऐ एक वृहद स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनानी होगी