रामपुर । जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार मॉदड़ ने रेडिको एवं आर्ट ऑफ़ लिविंग के प्रतिनिधि मण्डल के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर रेडिको खेतान एवं आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा भूजल शक्ति प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए जा रहे कोसी नदी संरक्षण कार्यक्रम की टेक्निकल परीक्षण रिपोर्ट एवं अग्रिम कार्ययोजना के बारे में विस्तार से चर्चा की।
रेडिको खेतान के डायरेक्टर श्री के पी सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत आर्ट ऑफ लिविंग की टेक्निकल टीम ने रामपुर में कोसी नदी का सर्वेक्षण किया जिसका कार्य अगस्त में पूर्ण हो गया था उसके बाद समस्त टेक्निकल डाटा आर्ट ऑफ लिविंग के बेंगलुरु में स्थित टेक्निकल लैब में ले जाकर विश्लेषण किया गया। कोसी नदी एवं उसके आसपास के क्षेत्र की वास्तविक स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत की गयी।
उन्होंने जानकारी दी कि रामपुर में लालपुर से लेकर कोसी नदी के अंतिम छोर जहां वह रामगंगा में मिलती है वहां तक प्रथम चरण में छह स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल के निर्माण के लिए प्रस्ताव किया। प्रस्तावित भूमिगत डायक वॉल का डिज़ाइन एवं तकनीक डाटा भी रिपोर्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। आर्ट ऑफ़ लिविंग के वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित छह स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल बनाने के कार्य में लगभग 5 से 6 महीने लगेंगे। आर्ट ऑफ लिविंग की कार्य योजना के अनुसार सबसे पहले भूमिगत डायक वॉल का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक भूमिगत डायक वॉल के दोनों और वाटर रिचार्जिंग वेल का निर्माण किया जाएगा।
भूमिगत डायक वॉल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह भूमिगत डायक वॉल जमीन की सतह के नीचे बहने वाले पानी के स्रोत, जो रेत और मिट्टी के माध्यम से बहते हैं, उसके बहाव को रोकने का कार्य करेगी। भूमि की सतह के नीचे बहने वाले पानी को भूमिगत डायक वॉल पर रोक लिया जाएगा, जिसके फलस्वरूप भूमिगत डायक वॉल के दोनों ओर 3 से 4 किलोमीटर तक भूगर्भ जल का स्तर सामान्य होने में मदद मिलेगी।
आर्ट ऑफ लिविंग ने इस कार्य योजना में भूमिगत डायक वॉल बनाने के बाद इसके प्रभाव को जानने हेतु भी कार्य योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत समस्त छः स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल बनने के बाद उसकी इंपैक्ट स्टडी करना प्रस्तावित है इसके अंतर्गत पूरे क्षेत्र में भूगर्भ जल स्तर की तुलना आज के भूगर्भ जल स्तर से की जाएगी जिससे ज्ञात होगा कि भूमिगत डायक वॉल बनने से कितने क्षेत्र में कितना लाभ मिला है। प्रथम चरण के छः स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल से हुए लाभ का आंकलन करने के बाद रामपुर के चमरौआ, शाहबाद एवं सैदनगर ब्लॉक में आगे की योजना प्रस्तावित की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट में रेडिको खेतान एवं आर्ट ऑफ लिविंग ने जिलाधिकारी से मिलकर उनके सहयोग की अपील की।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए, जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्य एवं जिला प्रशासन के सदस्य एवं तकनीकी विशेषज्ञ होंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर विषय है एवं सभी को साथ मिलकर कार्य करना चाहिए, सभी लोगों का प्रयास एक ही दिशा में एक साथ लगने पर रामपुर जिले में जलस्तर को गिरने से बचाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने रामपुर की मुख्य विकास अधिकारी सुश्री गजल भारद्वाज को इस प्रोजेक्ट के लिए समिति गठित करने का निर्देश दिए।
रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह ने जानकारी दी की कोसी नदी के संरक्षण के साथ-साथ रामपुर में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना आर्ट ऑफ लिविंग के साथ करने जा रहा है।इसके माध्यम से 1 वर्ष में 100 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का कार्यकाल 03 महीनों का होगा जिसके अंतर्गत 1 वर्ष में 4 बैच पूर्ण होंगे एवं प्रत्येक बैच में 25 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्लेसमेंट काउंसलर के माध्यम से उनको रोजगार दिलाने में पूर्ण मदद की जाएगी। इस कार्यक्रम में बोश जर्मनी, शेनाइडेर जर्मनी इत्यादि विदेशी कंपनियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया गया है, जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम, इंग्लिश स्पीकिंग, इंटरव्यू स्किल इत्यादि पर विशेष बल दिया जाएगा इसके माध्यम से पिछले चार वर्षों में भारत भर में लगभग तीन लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को आर्ट ऑफ लिविंग के स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार प्राप्त हो चुका है। रामपुर में इस प्रकार का यह पहला केंद्र होगा जिसमें जरूरतमंद प्रशिक्षुओं को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रेडिको खेतान की ओर से केपी सिंह डायरेक्टर ऑपरेशन, विकास सक्सेना उपाध्यक्ष, इंद्रपाल सिंह वरिष्ठ प्रबंधक, आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से दिग्विजय खरोटे – सीईओ प्रोजेक्ट, रविंद्र देसाई – प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, नागराज – टेक्निकल एक्सपर्ट मनरेगा, पृथ्वीजयसूर्या – तकनीक विशेषज्ञ भूगर्भ विज्ञान, सनत – प्रोजेक्ट ऑपरेशन एवं आदित्य नाथ चौबे – स्थाई प्रोजेक्ट कोऑर्डनेटर आदि उपस्थित रहे