रामपुर । माननीय उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं माननीय जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार 22 जनवरी 2022 को आयोजित होने वाली विशेष प्रि-लिटिगेशन लोक अदालत के सफल आयोजन एवं इसके माध्यम से दाम्पत्य सम्बन्धी वादों के अधिक से अधिक निस्तारण हेतु पूर्ण कालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री रमेश कुशवाहा द्वारा समस्त पैरा विधिक स्वयं सेवकांे के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
सचिव द्वारा समस्त पैराविधिक स्वयं सेवकांे को निर्देशित किया गया कि वह अस्पतालांे,
थानों, पंचायत भवनों, बस स्टैड, सरकारी राशन की दुकानों आदि पर पम्पलेट लगाकर प्रचार-प्रसार करें।
उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के अनुपालन में वैवाहिक विवाद से संबंधित प्रार्थना पत्र न्यायालय परिसर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में स्वीकार किए जायेंगे। पीड़ितों को संबंधित मामले में न्याय दिलाने को लीगल सेल कृतसंकल्प है। न्यायिक अधिकारियों की पूरी कोशिश है कि किसी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि पति, पत्नी के बीच विभिन्न कारणों से उत्पन्न हुए विवाद वैवाहिक विवाद की श्रेणी में आते हैं। इनके निस्तारण के लिए पति, पत्नी अथवा नजदीकी रिश्तेदार प्रार्थना पत्र जिले के दीवानी न्यायालय परिसर स्थित जिला विधिक कार्यालय में स्वयं उपस्थित
होकर या किसी भी व्यक्ति के माध्यम से दे सकते हैं। प्रार्थनापत्र में विवाद का संक्षिप्त विवरण प्रार्थी व विपक्षी का नाम, पता व फोन नंबर, फोटोग्राफ व पहचान पत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा।
जिला विधिक प्राधिकरण विपक्षी को नोटिस भेजकर बुलाएगा और लोक अदालत के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा पक्षों को समझा बुझाकर समझौता कराया जाएगा। पक्षों द्वारा समझौते के संबंध में लोक अदालत अपना निर्णय पारित करेगा। उक्त फैसला पक्षों के मध्य सिविल न्यायालय की डिक्री के समान बाध्यकारी होगा।
सचिव ने यह भी बताया कि लोक अदालत के पारित निर्णय को किसी अन्य न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती और निर्णय अंतिम माना जाएगा। पक्षों के मध्य आपसी सहमति से किया गया समझौता वैवाहिक विवादों का समाधान करेगा और न्यायालय में मुकदमों की संख्या में कमी आएगी।