प्री-पेड स्मार्ट मीटर की स्टैंडर्ड बिडिंग
गाइडलाइन पर उठाए सवाल
– आरटीआई ने पीएम को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की


आरटीआई कार्यकर्ता ने पीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि पूरे देश में डेढ़ लाख करोड़ रुपये की लागत के 25 करोड़ स्मार्ट मीटर के टेंडर के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग गाइडलाइन
केवल उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार कराई गई है। एक बड़ा सवाल यह भी है कि जब तक 4जी तकनीक के स्मार्ट मीटर खरीदकर उन्हें लगवाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी तब तक यह 5जी तकनीक आ जाएगी। ऐसे में कोई भी नई व्यवस्था लागू करने के पहले उसके तकनीकी पहलुओं पर विचार होना चाहिए।
गुप्ता ने कहा है कि यूपी में ढाई करोड़ स्मार्ट मीटरों के लिए लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के टेंडर हुए हैं। जिस तरह की गाइडलाइन तैयार कराई गई उसके चलते एक भी मीटर निर्माता कंपनी इसमें हिस्सा नहीं ले पाई है। बड़े निजी घरानों ने ही इसमें हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के टेंडर में जिस तरह का खेल चल रहा है उसका खामियाजा देर सवेर आम बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।