पुलिस ने लकड़ी लदी बाइक के साथ पकड़े पांच तस्कर, बिना कार्रवाई छोड़ा
मिलकखानम पुलिस की भूमिका संधिग्ध
मिलकखानम । मिलकखानम पुलिस ने पीपली वन से काटकर लाई जा रही कीमती लकड़ी से लदी मोटरसाइकिलों समेत पांच तस्करों को हिरासत में लिया। इसके बाद पुलिस ने बरामद लकड़ी पीपली वन में डलवा दी, जबकि तस्करों को थाने ले जाया गया। वहीं पुलिस ने कार्रवाई किए बिना ही तस्करों को बाइक समेत छोड़ दिया। मामला सीओ के संज्ञान में आने के बाद जांच कराई जा रही है।
थाना मिलकखानम क्षेत्र के पीपली वन में खैर समेत अन्य कीमती संपदा का चोरी छुपे काटने
का सिलसिला जारी है। रात को वन तस्कर पीपली वन से लकड़ी का कटान कर गदरपुर- मिलकखानम के बीच आ रहे थे। उनकी मोटरसाइकिलों पर कीमती लकड़ी के लट्ठे बंधे थे। तस्करों और बाइक की संख्या पांच थी। मिलकखानम पुलिस ने तस्करों को पकड़ लिया। इस दौरान तस्करों के मददगार भी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच गए।
पुलिस और मददगारों के बीच हुई बातचीत के बाद बरामद लकड़ी को पीपली वन क्षेत्र में डलवा दिया और तस्करों को मोटरसाइकिलों समेत थाने ले जाया गया। आरोप है कि दो दिन बाद शनिवार शाम तस्करों को बिना कोई कार्रवाई किए छोड़ दिया गया। लोगों में चर्चा है कि तस्करों को इस तरह छोड़ा जाएगा, तो पीपली वन की संपदा कैसे सुरक्षित रहेगी। मामला सीओ ओंकार नाथ शर्मा के संज्ञान में आया तब उन्होंने प्रकरण की जांच कराने की बात कही। उन्होंने बताया कि जांच में जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सामाजिक एवम् आरटीआई एक्टिविस्ट ने वन संपदा को हो रहे नुकसान की जांच श्रीमती ममता संजीव दूबे आईएफएस प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ को पत्र भेजकर जांच करने की बात कही है । उक्त मामले में वन क्षेत्राधिकारी,उप खंड अधिकारी वन,फॉरेस्टर व फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका की जांच हो पत्र की प्रतिलिपि मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन व जलवायू परिवर्तन को भेजी है।
ज्ञातव्य है कि पूर्व थाना प्रभारी कृष्ण किशोर मिश्रा के समय वन माफियाओं के विरुद्ध मुकदमें दर्ज हुए हैं । लेकिन उनका ट्रांसफर होने से वन माफियाओं ओर वन कर्मियों के हौसले बुलन्द हो गए।