Rampur
“निवर्तमान सांसद ने मनाई डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती”
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती को बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। निवर्तमान सांसद घनश्याम सिंह लोधी ने अपने कैम्प कार्यालय पर समस्त कार्यकर्ताओ के साथ माँ भारती के अमर सपूत, प्रखर राष्ट्रवादी श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर उनकी स्मृति पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की।
घनश्याम सिंह लोधी ने कहा कि “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश को नारा दिया था कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे। PM मोदी ने कश्मीर से धारा-370 हटाकर डॉ. मुखर्जी के इस सपने को साकार किया।”
निवर्तमान सांसद ने कहा कि “प्रदेश शासन और जनता की ओर से डॉ. मुखर्जी के बलिदान को नमन करते हैं। डॉ. मुखर्जी 35 साल की उम्र में कुलपति बने थे। देश के विभाजन की त्रासदी को रोकने और पूरे बंगाल को अंग्रेजों से बचाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा। देश के अंदर आजादी का आंदोलन उनकी पहचान बन गई थी। जब उन्होंने देखा कि आजादी जिन आदर्शों के लिए मिली थी, वो तत्कालीन सरकार तुष्टिकरण कर रही है। इसलिए मुखर्जी ने भारतीय जन संघ की स्थापना की। जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों का विरोध किया।”
घनश्याम सिंह लोधी ने कहा कि “कश्मीर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी और उसके लिए अलग से विधान बनाने का विरोध हुआ था। तब मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे। इसके बाद मुखर्जी को कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया जाता है और 23 जून को उनका बलिदान देश की अखंडता को बचाने के लिए हुआ। लेकिन, श्यामा प्रशाद मुखर्जी का सपना PM मोदी ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 हटा कर पूरा किया।”।