तीर्थ स्थल गोवर्धन धाम में भूमाफियाओं का आतंक
मंदिर बगीची ग्राम समाज की जमीनों पर फर्जी कागजों के बल पर अवैध कब्जा बिक्री का खेल बड़े पैमाने पर
मथुरा।गोवर्धन धाम विश्व प्रसिद्ध धर्म एवं तीर्थ नगरी गोवर्धन धाम वर्तमान समय में भू माफियाओं के शिकंजे में पूर्ण रूप से शिकंजे में में आ चुकी है संपूर्ण गोवर्धन क्षेत्र भू माफिया के सिंडिकेट में मथुरा जनपद की तहसीलों के एसडीएम तहसीलदार कानून को पटवारी दलाल किस्म के अधिवक्ता चोला धारी भू माफिया मथुरा वृंदावन का विकास प्राधिकरण के अधिकारी इंजीनियर इस सिंडिकेट में शामिल है इन्हीं के इशारों पर गोवर्धन क्षेत्र में भू माफिया जमीनों की कालाबाजारी एवं अवैध कब्जा कर बिक्री का खेल बड़े पैमाने पर से चल रहा है
आपको बताते चलें कि गोवर्धन ब्राह्मण गोवर्धन गोरवासकीतररा राधा कुंड जतीपुरा आदि क्षेत्र गिर्राज महाराज की परिक्रमा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम समाज की भूमियों एवं अन्य भूमि पर फर्जी कागजों के बल पर माफियाओं ने मौजा राधा कुंड तहसील के पीछे स्थित खसरा नंबर 2071 में उप जिलाधिकारी गोवर्धन नीलम श्रीवास्तव तहसीलदार मनीष कुमार ने भू माफियाओं से मिलकर अवैध कब्जा कर दिया है और बिल्डिंग बनवाकर लाखों रुपए वसूल किए हैं मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी इस अवैध निर्माण को करने में पूर्ण रूप से जिम्मेदार है जिनको की सूचना देने के बाद में भी इन अवैध अति क्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की धनवल के दबाव में आकर अवैध कब्जे को प्रोत्साहन किया गया अवैध कब्जे के मुक्ति हेतु समाधान दिवस में समाज सेवकों द्वारा भी शिकायत की गई भूमि अभी तक अवैध आक्रमण यह शिकंजे में फंसी हुई है और मंदिर श्री हनुमान जी महाराज की मर्यादा एवं सेवा पूजा में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है मौजा जमनामाता स्थित एक पोखर पर भी कुछ अधिवक्ता रूपी भू माफिया तालाब पोखरों का भी एग्रीमेंट बैनामा करा रखें हैं जिसकी समाज सेवक चौधरी अभिमन्यु द्वारा तहसील प्रशासन जिला अधिकारी के माध्यम से शिकायत की गई उक्त मामले को भी एसडीएम गोवर्धन व तहसीलदार गोवर्धन ने लीपा पोती कर दी है मामले को दबा दिया है जबकि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार तालाब पोखर अन्य लोक उपयोगी संपत्तियों का किसी को किसी भी प्रकार का बैनामा या एग्रीमेंट करने का कोई अधिकार नहीं है अगर कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए यह राज्य का दायित्व है लेकिन राज्य सरकार एवं प्रशासन अपने दायित्व को भूलकर भू माफिया के सिंडिकेट में शामिल होकर अवैध धन लाभ अर्जित कर रहे हैं किसान एवं पीड़ितों की मालिकों की भूमियों पर अपराधियों से मिलकर फर्जी आदेश कर करके अवैध कब्जे कराई जा रहे हैं यह योगी शासन में तहसील भूमाफियाओं के अड्डे बन गई है और एक सिंडिकेट के रूप में कार्य कर रही है उमा प्यास की गई शिकायत के प्रकरण में शिकायतकर्ता चौधरी अभिमन्यु के घर पर कतलाना एवं जानलेवा हमला किया गया जिसमें उसके पुत्र एवं परिवार घायल हो गए जो भी शिकायत करता है वह माफिया एवं गृह इसी प्रकार शिकायतकर्ताओं की हत्या कर देता है जो की शान में बैठे हुए सत्ताधारियों के इशारे पर भूमाफिया इस खेल को अंजाम देते हैं।

