मसवासी क्षेत्र के कई गांव में आतंक का पर्याय बन तेंदुआ
पिंजरे में फंसा वन विभाग ने ली राहत की सांस
क्षेत्र में अभी और भी है तेंदुए वन विभाग को फिर लगाना होगा पिंजरा
मसवासी(रामपुर)। क्षेत्र के कई गांव में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में फंस ही गया जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है ग्रामीणों में भी दहशत कम नजर आई है। तेंदुए को फिलहाल वन विभाग की टीम अपने साथ पीपली बन ले गई है और उसे किसी और जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है। शुक्रवार की सुबह तेंदुआ करीमपुर में बाबा शेख फरीद स्टोन क्रेशर के निकट रखे पिंजरे में कैद हो गया वन विभाग को इसकी काफी दिनों से तलाश थी इसी गांव निवासी पूर्व प्रधान हरमेल सिंह उर्फ वीर भाई के भाई अवतार सिंह का कुत्ता उठाकर तेंदुआ ले गया था और उसने अपना शिकार बना लिया था यह मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। करीमपुर के साथ-साथ तेंदुआ बेलवाड़ा और धरमपुर के जंगल में भी आतंक का पर्याय बना था दोनों स्थानों पर कुत्तों को उठाकर अपना शिकार बना लिया था जिससे ग्रामीणों में खासी दहशत बनी हुई थी कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अभी जंगल में तेंदुए और है वन विभाग को इन्हें भी पकड़ने के लिए कार्रवाई करनी होगी। तेंदुआ पिंजरे में फस जाने के बाद जैसे ही सूचना वन विभाग को मिली वन रेंजर मुजाहिद हुसैन वन दरोगा शील कुमार समेत तमाम वन कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जल्दी ही पिंजरे को उठाकर एक पिकअप में रख लिया और उसे उठाकर पीपली बन ले गए। वन रेंजर मुजाहिद हुसैन ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश पर तेंदुए को किसी दूसरे जंगल में शीघ्र छोड़ा जाएगा। पिछले सप्ताह तेंदुए ने जवाहरगंज चंदोला के किसान अनीस अहमद के कुत्ते को भी निशाना बना लिया था। तेंदुए को देखे जाने के बाद मजदूरों में भी भगदड़ मच गई थी सभी मजदूर नजदीक के खेत में गन्ने की छलाई कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है की यह तेंदुए उत्तराखंड के जंगलों से भटक कर यहां पहुंचे हैं अभी तेंदुए और बाकी है।