रामपुर (शंकर गुप्ता उप संपादक)कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रभावी कदम उठाते हुए बच्चों को कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकालने हेतु विभिन्न स्तरों पर लगातार कवायद की जा रही है।
जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ के निर्देशानुसार जनपद के गंभीर अति कुपोषित बच्चों के लिए स्थानीय स्तर पर ही तैयार कराई गई पोषण किटें भी प्रदान की जा रही हैं ताकि कुपोषण जैसी भयानक समस्या से बच्चों को बाहर निकाला जा सके और उनका बेहतर शारीरिक विकास हो।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में विभाग द्वारा जनपद के सभी 2700 आंगनवाड़ी केंद्रों पर इन्फैंटोमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।
इन इन्फैंटोमीटर की सहायता से आंगनबाड़ी केंद्रों पर 02 वर्ष की आयु तक के छोटे बच्चों की लंबाई नापने में मदद मिलेगी तथा उनकी लंबाई के अनुसार शारीरिक वृद्धि का आकलन करके कुपोषित और सुपोषित बच्चे की पहचान हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि स्टेडियोमीटर और वजन मशीन पूर्व में ही विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। स्टेडियोमीटर के माध्यम से बच्चों की ऊंचाई की माप की जाती है तथा वजन मशीन के माध्यम से उम्र के अनुसार बच्चे का शारीरिक वजन का आकलन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जनपद में लगातार अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें रामपुर कृषक संगठन एफ़पीओ के माध्यम से लगभग 2100 गंभीर अति कुपोषित बच्चों को पोषण किट मुहैया कराने के लिए प्लान तैयार कराया जा रहा है।