रामपुर । तहसील बिलासपुर व केमरी नगर पंचायत व उसके आसपास के तहत पड़ते ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा और खनन माफिया दिन-रात यहां अवैध खनन कर इस खड्ड की परतें उदेड़ रहा है। कभी अपने पानी के वेग की ध्वनि के साथ अपने दोनों किनारों में कृषि के लिए कूहलों, नालियों आदि के जरिए सिंचाई सुविधा देकर खुशहाली देने वाली पिलाखार का सीना खनन से छलनी हो चुका है जबकि खनन विभाग अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाने में असफल रहा है। कृषि में खुशहाली की रहमत बरसाने वाली इस खड्ड के वजूद पर बन गई है। जनपद रामपुर के खानपुर, केमरी,भोट के तहत एक हिस्सा पिलाखार में पड़ता है व एक हिस्सा जनपद रामपुर भोट के साथ लगता है। इसमें ज्यादातर हिस्सा बिलासपुर में आता है परंतु बाउंडरी निर्धारित न होने से यहां असमंजस की स्थिति रहती है।बिलासपुर, भोट व केमरी में दोनों ओर से खनन होता है जिस कारण इसकी स्थिति बिगड़ी है
बिलासपुर में यहां जेसीबी की मदद में बड़े स्तर पर अवैध खनन होता है वहीं कई ट्रैक्टर वाले भी अवैध खनन में अपना बेलचा चलाते देखे जा सकते हैं। यहां अवैध खनन को अभी तक पूर्णयता क्यों बंद नहीं हुआ इस पर
खनन विभाग सहित सरकार पर भी सवालिया निशान है। अवैध खनन से यहां बिलासपुर व केमरी का जमीनी स्तर गिर रहा है जिससे सिंचाई व पेयजल योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और उपजाऊ जमीन बंजर बन रही है वहीं प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। बिलासपुर व केमरी में अवैध खनन कर यहां प्रतिदिन हजारों क्यूविक टन रेत, मिट्टी आदि निकाले जा रहे है। वहीं कुछ लोग पिलाखार नदी, भाखड़ा, नदी व सैंजनी नहर किनारे रेत, का डंप कर उसे बाद में मनमाने दामों पर बेच रहे हैं। जिसके कारण खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं व इन माफियाओं की राजनीतिक पहुंच भी है