स्वास्थ्य महकमा: झोला छाप पर कार्रवाई के नाम पर होती है वसूली

– अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव कुमार वर्मा,वाहन चालक रामस्वरुप व लिपिक आलोक कुमार अवैध वसूली में लिप्त
रामपुर। झोलाछाप और अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई के नाम वसूली करने का खेल स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से चल रहा है। शायद यही कारण है कि 200 से अधिक निजी अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई की खानापूर्ति करने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इसके बाद निजी अस्पताल संचालक तथा झोलाछाप डाक्टर मरीजों का जमकर शोषण करते हैं। वर्तमान में भ्रष्टाचार को जन्म देने वाले ऐसे कई अधिकारी तथा बाबू विभाग में दीमक का काम कर रहे हैं।
सूबे में निजाम बदलने के बाद शासन की सख्ती पर जिला प्रशासन ने अवैध निजी नर्सिंग होम,अस्पताल तथा क्लीनिकों पर कार्रवाई शुरू की। अवैध अस्पतालों के संचालन पर पूर्णतया: रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए गए। इसके नोडल अधिकारी डॉक्टर राजीव कुमार वर्मा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी रामपुर द्वारा बड़ी तेजी से कार्रवाई भी की गई। लेकिन थोड़े दिन बाद ही मामला ठंडे बस्ते में डाल उनसे वसूली शुरू कर दी गई। नोडल अधिकारी द्वारा वसूली का क्रम जारी कर दिया गया है। अगर विभागीय सूत्रों की मानी जाए तो मामला शांत होने के 15 दिन बाद अवैध अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों से मोटी रकम की वसूली कर उनका नए सिरे से पंजीकरण करने का काम नोडल अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। जहां एक तरफ शासन और जिला प्रशासन पूर्ण रुप से अवैध अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों पर अंकुश लगाने को लेकर गंभीर है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई की आड़ में वसूली करने के साथ निर्देश का खुलेआम धज्जी उड़ाने में लगे हुए है। जिले के कई ऐसे निजी अस्पताल और झोलाछाप चिकित्सक जिनके खिलाफ कार्रवाई होने के बावजूद भी उनका रोजगार धड़ल्ले से जारी है। साथ ही इनके द्वारा लोगों से इलाज के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। इस संबंध में सीएमओ डॉ.संजीव कुमार ने बताया कि नोडल अधिकारी डॉक्टर राजीव कुमार वर्मा द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही दो डॉक्टरों की टीम द्वारा पूरे मामले की जांच शुरू करा दी गई है।