शहर में तेजी से फल-फूल रहा अवैध प्लाटिंग का कारोबार
बिलासपुर। शहर सहित गांवों की कीमती जमीनों पर इन दिनों प्रॉपर्टी डीलर्स की नजर गड़ी हुई है। शहर में इन दिनों अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीद फरोख्त का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। लोग खुद के आशियाने की उम्मीद में नियमों की अनदेखी कर जमीन खरीद रहे हैं। अवैध प्लाटिंग के मसले पर कोई ठोस कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से अब तक नहीं की गई है।
शहर की आबादी दिनो दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोग अब खुद के आशियाने के लिए जमीन की खाक छान रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलर्स इसका बेजा फायदा उठा रहे हैं। डीलर्स पहले तो गांव सहित शहर की जमीन का खरीद फरोख्त करते हैं। इसके बाद किसानों से खरीदी गई कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग की जाती है और उसे बेच दिया जाता है। मोटी कमाई के के लिए दलाल सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शहर में जमीन की खरीदी बिक्री हर दिन हो रही है। ज्यादातर जमीन डीलर्स के माध्यम से ही बिक रहे हैं। बिना डायवर्सन के बेचे जा रहे प्लाट को खरीदने वाले भी बाद में परेशानी में फंस रहे हैं।
कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग
शहर के आउटर में इन दिनों कृषि भूमि को अवैध प्लाटिंग कर बेजा जा रहा है। पिछले कई वर्ष से यह सिलसिला जारी है। शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से कृषि भूमि खरीदी जाती है और बाद में प्रॉपर्टी डीलर्स इसे प्लाटिंग कर बेच देते हैं। जबकि प्लाटिंग और कॉलोनी संबंधी कार्य के लिए कॉलोनाइजर के पास प्लाटिंग की खरीदी बिक्री का लाइसेंस होना अनिवार्य होता हे। ग्रामीण इलाकों के किसानों की कृषि भूमि को ज्यादा पैसे देकर खरीद ली जाती है। भूमि की खरीदी के बाद अवैध प्लाटिंग किया जाता है और उसे बेचा जाता है। औने-पौने दाम में खरीदे गए भूमि को कॉलोनी बनाए जाने के नाम पर बड़ी कीमत में बेचा जाता है। शहर से लगे खोंडलपुर, नगरिया, कुंआ खेड़ा,भोगपुर एवं नया गांव सहित आसपास के गांव में अवैध प्लाटिंग का धंधा जोर-शोर से चल रहा है।
प्रॉपर्टी डीलर्स हो रहे मालामाल
जमीन खरीदी की बात हो या फिर बिक्री की, इसकी जरा भी भनक दलालों को लगते ही वे लोगों से संपर्क साधने में लग जाते हैं। इसके बाद जमीन की कीमत लगाना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं जमीन का निरीक्षण व कीमत दलाल ही तय करते हैं उसके बाद फिर कमाई के हिसाब से ग्राहक से जमीन का सौदा किया जाता है। बिना डायवर्सन के जमीन की अवैध प्लाटिंग कर कई लोगों को बेच दिया जाता है।
कमीशन के खेल में बढ़ रहे जमीन के दाम
शहर के जमीन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण दलालों के जरिए जमीन की खरीदी बिक्री होना है। यदि जमीन के लिए सीधे मालिक व ग्राहक के बीच सौदा होता है तो कमीशन का खेल ही नहीं हो पाएगा। ऐसे में जमीन सस्ते दाम में उपलब्ध हो सकेगी। शहरी क्षेत्र में ऐसे कई कालोनाईजर्स की भरमार है जो पैसे के बलबूते पर औने-पौने दामों में जमीन खरीदी कर अवैध प्लाटिंग कर उसमें मकान बनाकर बेच देते हैं। बावजूद इसके जमीन के इस गोरखधंधे को बंद कराने में प्रशासन ने अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।
लाखों रुपए का राजस्व चोरी
अवैध प्लाटिंग के जरिए हर वर्ष लाखों रुपए की राजस्व चोरी की जाती है। अवैध प्लाटिंग के जरिए कृषि भूमि को रहवासी क्षेत्र के लिए बेच दिया जाता है। वर्तमान में चल रहे अवैध प्लाटिंग करने वाले अब समूहों में कार्य करने लग गए हैं, जिससे राजस्व को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। डायवर्सन किए बगैर बिना अनुमति के मकान बनाने वालों पर कार्रवाई की जाती है। जिला प्रशासन के निर्देश पर बेजा कब्जाधारियों को भी खाली करवाया जा रहा है।