जनपद में मिलावटखोरों का कहर, बेच रहे जहर
– मिलावट की मंडी में फिर सज गया मौत का कारोबार
– फेस्टिवल सीजन आते ही और सक्रिय हुए मिलावटखोर
– मिलावटखोरों के खिलाफ कभी गंभीर नहीं दिखा प्रशासन
– मावा, पनीर, मसाले, रिफाइंड तेल में मिलावट का खेल
एफडीए रामपुर के प्राइवेट कर्मचारीयों के माध्यम से साल में करोड़ों रूपया की इक्ट्ठी होती है रिश्वत
रामपुर। मिलावटखोरी की मंडी में फेस्टिवल सीजन आते ही फिर ‘मौत का कारोबार’ और तेज हो गया है। मुनाफे के फेर में मिलावटखोर जनता को ‘जहर’ बेच रहे हैं और स्वास्थ्य का पहरेदार प्रशासन सो रहा है। बुधवार को कुट्टू का आटा खाने से कई लोगों के बीमार होने की खबरें आईं तो पूरे साल हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे अफसर हाथ-पांव मारते दिखे। तेल, रिफाइंड, मसाले, आटा, मिठाई, मावा, पनीर शायद ही ऐसी कोई चीज हो, जिसमें यहां मिलावट के मामले समय-समय पर सामने न आए हों। अफसोस, कार्रवाई के नाम पर प्रशासनिक टीमों ने सिवाय कागज भरने के कुछ नहीं किया। नतीजा, मिलावटखोरों के हौसले बढ़ते रहे और उसके दुष्परिणाम फिर सामने आए हैं।
छापामारी अभियान : सब कुछ हवा-हवाई
फूड सेफ्टी विभाग की कार्रवाई सिर्फ हवा-हवाई साबित हुई है। जनवरी से लेकर अब तक एक भी मिलावटखोर कानून के शिकंजे में नहीं है। त्योहारी सीजन में सैंपल अभियान बंद कर मिलावटखोरों के हौसले और बढ़ा दिए। गुरूवार को कुट्टू का आटा खाने से लोग बीमार हुए तो खाद्य सुरक्षा प्रशासन को कुछ पता नहीं। जबकि पूर्व में एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में टीम कुट्टू की दुकानों पर पहुंचे मगर सब बेकार। दुकानें बंद मिलीं, इसलिए सैंपल तक नहीं ले सके। उधर, फूड सेफ्टी विभाग अब भी चैन से बैठा है। न दुकानें चेक हो रही हैं और न गोदामों की जांच।
4 फूड इंस्पेक्टर : 15 लाख जिंदगी
रामपुर की आबादी 15 लाख से अधिक है और इनके जीवन की सुरक्षा के लिए सिर्फ चार फूड सेफ्टी अफसर हैं। एक फूड इंस्पेक्टर को रामपुर नगर की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि दूसरे बिलासपुर में तैनात है। एक स्वार टांडा और एक मिलक क्षेत्र में
बगैर रजिस्ट्रेशन बिक रही मिठाइयां ओर खाद्य पदार्थ
त्योहारी सीजन में बगैर रजिस्ट्रेशन के सड़क किनारे मिठाई बेचने का कारोबार धड़ल्ले से चला रहा है। जबकि फुटपाथ या खुले स्थानों पर मिठाई का कारोबार करने से पहले नगर पालिका एवम ज़िला पंचायत और फूड सेफ्टी विभाग से एनओसी लेना जरूरी होता है।
सिर्फ 115 नमूने, 40 नमूने फेल
जनवरी से लेकर 15 अगस्त तक फूड सेफ्टी विभाग ने खाद्य वस्तुओं के 115 सैंपल लिए। इनमें दूध और दूध प्रोडक्ट के अलावा मिठाइयां और मसाले शामिल हैं। प्रयोगशाला जांच में 40 नमूने फेल हुए हैं। 15 लाख से अधिक की आबादी वाले जिले मेें इस साल अब तक इतने कम सैंपल लिए जाने से पता लगता है कि यहां फूड सेफ्टी विभाग किस सक्रियता से काम कर रहा है।
बीमारी फैली तो भरे कुट्टू के नमूने
पिछले साल कुट्टू खाने से लोग बीमार होने के बाद फूड सेफ्टी विभाग ने कुट्टू बेचने के वालों के खिलाफ कार्रवाई की। पिछले वर्ष फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने जनपद में कई जगह से कुट्टू के नमूने भरे। सैंपल जांच के लिए लखनऊ लैब भेजे जाएंगे। चीफ फूड इंस्पेक्ट ने बताया कि कुट्टू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
व्रत में रखें ख्याल
क्या खाएं किससे करें परहेज
सागू दाने की खीर कुट्टू का आटा
चौलाई के लड्डू, पापड़ कुट्टु के पकौड़े
साबुत सिंघाड़ा लेकर बाजार के पैकेट बंद व्रत
खुद तैयार करें आटा खाद्य सामग्री
आलू का हलुवा, घर में तैयार किए आलू के चिप्स
मखाना, सेब, केला, दूध, दही
वर्जन
मिलावटखोरों पर कार्रवाई जारी है। लगातार सैंपल लिए जाएंगे। फूड सेफ्टी विभाग को अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। कहीं भी मिलावटखोरी का मामला सामने आया तो संबंधित लोगों के खिलाफ प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। – उपायुक्त खाद्य खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि प्रशासन लखनऊ