रामपुर ।जिला अस्पताल से सम्बन्धित शिकायतें में अवकाश के दिन कोई टेस्टिंग न होना, डेंगू की जांच व सर्दी का मौसम प्रारम्भ होने के उपरान्त भी कम्बल आदि न दिए जाना, डाक्टर द्वारा डेंगू वार्ड का नियमित निरीक्षण न किया जाना, ब्लड बैंक द्वारा प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध न कराया जाना, चिकित्सकों द्वारा चिकित्सालय के बाहर से दवाएं मंगाने एवं डाक्टरों द्वारा समय से ओपीडी न करने जैसी शिकायतों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री एचके मित्रा को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आमजन की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी शिकायतें मिली थी जिसका त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्होंने जिला चिकित्सालय में बेहतर व्यवस्थाएं बनाए रखने के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आ रहे हैं जिनमें जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों द्वारा अपने पदेन दायित्वों एवं कर्तव्यों का भलीभांति निर्वहन नहीं किया जा रहा है जिस कारण जनसामान्य को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि जिला चिकित्सालय के किए गए निरीक्षणों एवं स्वास्थ्य समिति की बैठकों में स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए थे कि चिकित्सालय की ओपीडी में आने वाले एवं भर्ती मरीजों की जांच व उनका स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से किया जाय परन्तु दिए गए निर्देशों के उपरान्त भी इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त होना अत्यन्त आपत्तिजनक है।
जिलाधिकारी ने जनसामान्य द्वारा की गयी शिकायतों के दृष्टिगत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 एचके मित्रा को निर्देशित किया है कि अवकाश दिवसों में इमरजेन्सी वार्ड में ही डेंगू, मलेरिया सहित अन्य आवश्यक जांचे कराए जाने की व्यवस्था की जाय। जिला चिकित्सालय में भर्ती डेंगू मरीजों की सीबीसी जांच दिन में 02 बार अवश्य की जाए तथा जांच केन्द्र रात्रि 10ः00 बजे तक खोला जाय। सर्दी का मौसम प्रारम्भ होने के दृष्टिगत जिला चिकित्सालय में भर्ती सभी मरीजों को रात्रि के समय कम्बल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा बैडशीट्स भी नियमित रूप से प्रतिदिन बदली जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि डेंगू वार्ड में चिकित्सकों द्वारा दिन में 02 बार राउण्ड अवश्य लिया जाय, जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स मशीन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कोटेशन प्राप्त कर पत्रावली प्रस्तुत करें तथा जिला चिकित्सालय में आवश्यक दवाईयों की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए मरीजों को दवायें चिकित्सालय से ही उपलब्ध करायी जाय। चिकित्सकों से नियमित रूप से ओपीडी सुनिश्चित करायी जाय ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। चिकित्सालय में भर्ती डेंगू के मरीजों की नाम व मो0 नम्बर सहित सूची प्रत्येक दिवस कन्ट्रोल रूम में उपलब्ध करायी जाय ताकि मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों को निर्देशित कर दिया जाय कि कन्ट्रोल रूम से आने वाले प्रत्येक फोन काल को रिसीव करते हुए प्राप्त सूचना पर तत्काल कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही परिलक्षित होती है तो सम्बन्धित का व्यक्तिगत उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कठोर कार्यवाही अमल में लायी जाये