आईआरसी पर बरसे गडकरी, बोलेः ईमानदार व स्वतंत्र होकर दे राय
उप संपादक कुलदीप कुमार गुप्ता
नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन रोड कांग्रेस से पूरी दुनिया के लिए सड़क और पुल निर्माण में गुणवत्ता की एक संहिता बनाने के लिए कहा है। बेंगलुरु में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में गडकरी ने कहा कि गुणवत्ता से समझौता करने की आदत सबसे बुरी है। गडकरी ने इस दौरान आईआरसी की भी चुटकी लेते हुए कहा कि उसे एक राजनीतिक दल की तरह सबको खुश रखने की कोशिश करने की जरूरत नहीं है। बल्कि उसे निष्पक्ष, ईमानदार और स्वतंत्र होकर अपनी राय देनी चाहिए। आईआरसी ज्ञान का इंजन हो सकता है, लेकिन इस 90 साल पुराने संगठन के पास अपना दफ्तर, प्रयोगशाला और समर्पित लोग तो होने ही चाहिए, क्योंकि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए
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तकनीकी सहयोग सबसे अहम है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इसी सिलसिले में आईआरसी को दिल्ली में जगह व अनुदान उपलब्ध कराने का वादा भी किया। सड़क परिवहन मंत्री के मुताबिक, अगर गुणवत्तापूर्ण काम होना है तो इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। क्योंकि सरकारी सिस्टम में बॉस की बात माननी ही होती है। उन्होंने 15 दिनों में दूसरी बार यह कहा कि वह लापरवाही और अपने
काम में ढिलाई करने वाले अफसरों, इंजीनियरों
और ठेकेदारों पर कार्रवाई का विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। पुल इस समय बड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। एक के बाद एक उनके गिरने की घटनाएं हुई हैं। ऐसे में उनके निर्माण में स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल की जरूरत है। गडकरी ने दोहराया कि सड़क और पुल निर्माण में खामियों के लिए डीपीआर में गड़बड़ी ही सबसे अधिक उत्तरदायी है। तमाम खामियों और खराबियों वाली डीपीआर को ही हमारे अधिकारी बाइबल मान लेते हैं और इसी कारण समस्याएं उभर आती हैं। गडकरी ने पुल निर्माण में प्री कॉस्ट तकनीक को अनिवार्य बनाने की भी बात कही। मुंबई के समुद्री पुल ‘वरली सी लिंक’ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस पुल में 25 साल बाद भी एक्सपैंशन ज्वाइंट परफेक्ट हैं, लेकिन दिल्ली में बन रहे द्वारका एक्सप्रेस वे सब कुछ विश्वस्तरीय है, लेकिन ये ज्वाइंट परफेक्ट नहीं हैं।