जनपद में बिना लाइसेंस के चल रहे है 42 अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग मौन
– लाइसेंस लैप्स होने के बाद भी अस्पतालों में जारी है मरीजों का इलाज
-क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत नर्सिंग होम,क्लीनिक, पैथोलॉजी, एक्सरे सेंटर, अल्ट्रासाउंड केंद्र का पंजियन मानकों के अनुसार कराना अनिवार्य
-अग्नि शमन विभाग की फायर एनओसी, पर्यावरण विभाग व बायो वेस्टेज लेना अनिवार्य हैं
– मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात नोडल अधिकारी व लिपिक की सांठगांठ से बिना मानक पूरे किए हो जाता है पंजीयन
रामपुर: जनपद में तेजी से अस्पताल और नर्सिंग होम खुल रहे हैं। जिसमें से ज्यादातर अस्पताल व नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन की अनदेखी कर संचालित हो रहे है। ऐसे कई प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिग होम और क्लिनिक हैं, जहां मरीजों की जिंदगी से बदस्तूर खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे अस्पताल पर गाज गिर सकती है। जनपद में लगभग 42 हॉस्पिटल्स में से 50 प्रतिशत से ज्यादा अस्पताल ऐसे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन या तो फेल हो चुका है अथवा बिना लाइसेंस के ही इनका अवैध तरीके से संचालन किया जा रहा है. दूसरी तरफ जनपद में 76 ऐसे अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक का पता चला है, जिनका लाइसेंस लैप्स हो गया है, इसके बाद भी उनका संचालन हो रहा है. ऐसे अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना वसूली के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। जनपद में जिन 76 अस्पतालों का संचालन बिना लाइसेंस को हो रहा है, उसमें हॉस्पिटल, पॉली क्लिनिक और डेंटल क्लिनिक शामिल है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार में तकरीबन 50 से ज्यादा हॉस्पिटल व नर्सिग होम का ही रजिस्ट्रेशन है। 42 से ज्यादा हॉस्पिटल अवैध तरीके से रन कर रहे है। इसमें 18 हॉस्पिटल्स का 2019 तो 28 का 2021 में ही रजिस्ट्रेशन फेल हो चुका है. लेकिन, फिर भी यहां मरीजों का धड़ल्ले से इलाज चल रहा है। इन अस्पतालों में से कई ने नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करा लिया है, वहीं कई ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है। दूसरी तरफ जनपद में अस्पताल व नर्सिंग होम का लाइसेंस लेने के लिए होड़ मची हुई है। जो अस्पताल गाइडलाइन के तहत नहीं है, वैसे अस्पताल व नर्सिंग होम के संचालकों ने रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत मानकों को पूरा करने पर ही रजिस्ट्रेशन देने का प्रावधान है । लेकिन नोडल अधिकारी व लिपिक सांठगांठ कर बिना मानकों की जांच किए पंजीयन प्रमाण पत्र दे रहे हैं । जो आम जनता के जीवन से खिलवाड़ है ।