रामपुर । (जयदीप गुप्ता )मा0 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के अनुपालन एवं मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री गौरव कुमार श्रीवास्तव के निर्देशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत तहसील टाण्डा में प्राथमिक विद्यालय प्रानपुर, प्राथमिक विद्यालय सूरर्ता सहपुर नया गाँव, प्राथमिक विद्यालय सरावा एवं प्राथमिक विद्यालय सागनी में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन पूर्ण कालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री रमेश कुशवाहा की अध्यक्षता किया गया।
सचिव द्वारा भरण-पोषण के संबंध में नागरिकों के अधिकार, कानूनी जानकारी व कर्तव्यों के संबंध में जानकारी देकर जनमानस व शिविरों में उपस्थित महिलाओं को जागरूक किया गया। साथ ही अवगत कराया गया कि पैराविधिक स्वयं सेवक के द्वारा कस्बों एवं गाँवो में डोर टू डोर विधिक साक्षरता अभियान प्रतिदिन चलाया जा रहा है एवं कार्यक्रमों में जनमानस को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यप्राणाली, योजनाओं व निःशुल्क विधिक सहायता, मध्यस्थता, प्री-लीटिगेशन के संबंध में जानकारियाँ दी जा रही है।
सचिव द्वारा भरण-पोषण के संबंध में बताया गया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 मे मजिस्ट्रेट को भरण-पोषण करने में अक्षम माता-पिता, पत्नि व बच्चों को प्रति माह अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश देने का अधिकार है। पत्नी, नाबालिग बच्चें, अविवाहित पुत्री, बृद्ध माता-पिता और विधवा बहू जिनका कोई अपना भरण-पोषण का सहारा नही है, उनको भरण-पोषण में भोजन, वस्त्र, आवास शिक्षा और चिकित्सा उपचार का विभिन्न कानूनों द्वारा हक व संरक्षण का प्रावधान है। अगर पति ने पत्नी को छोड़ दिया है या तलाक दे दिया है, तो महिलायें धारा 125 के तहत गुजारा भत्ते की माँग कर सकती है। यदि कोई आदमी भरण-पोषण के आदेश से संतुष्ट नही है, तो पीडिता पक्ष न्यायालय आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में पुर्ननिरीक्षण याचिका दायर कर सकता है। पुर्ननिरीक्षण याचिका अंतरिम भरण-पोषण के आदेश के खिलाफ भी दी जा सकती है।
जागरूकता शिविरों/कार्यक्रमों में तहसीलदार टाण्डा श्री राकेश कुमार चन्द्रा, थानाध्यक्ष टाण्डा श्री गजेन्द्र सिंह, चौकी इंचार्ज सैदनगर श्री राजीव कुमार, कानूनगो, लेखपाल, अध्यापकगण एवं ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे।