जौहर यूनिवर्सिटी के मदर टेरेसा इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिवस मनाया गया
जब सांसों पर नियंत्रण होता है तो जीवन भी नियंत्रण में आ जाता है:यही योग की कला है:प्रोफेसर जहीरुद्दीन
रामपुर।मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया जिसको मदर टेरेसा इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंस संकाय में ऑर्गेनाइज किया।15 से 20 जून तक योग सप्ताह मनाया गया जिसके तहत विभिन्न संकाय में योगाभ्यास किया गया।योग अमृत महोत्सव का आयोजन इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय
योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है 2025 एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह इस वैश्विक उत्सव की 11वीं वर्षगांठ है।” इस अवसर पर पैरामेडिकल साइंस के प्रिंसिपल डॉ मोहम्मद कलीम ने अपने संबोधन में कहा कि योग एक प्राचीन कला है जो मन और शरीर को जोड़ती है । यह एक व्यायाम है जिसे हम अपने शरीर के तत्वों को संतुलित करके करते हैं।इसके अलावा, यह हमें ध्यान लगाने और आराम करने में मदद करता है।इसके अलावा, योग हमें अपने शरीर के साथ-साथ मन पर भी नियंत्रण रखने में मदद करता है।योग सिर्फ एक्सरसाइज नहीं,बल्कि जीवन जीने की कला है। यह शरीर,मन और आत्मा को जोड़ने का प्राचीन तरीका है,जो अंदर से मजबूत बनाता है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एस एन सलाम ने अपने संबोधन में कहा यह कि
योग एक ऐसी चीज़ है जो हमारी आत्मा को पोषण देती है।यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो हमें शारीरिक रूप से कई बीमारियों से छुटकारा दिलाता है।इसके अलावा,व्यायाम हमारे शरीर को मजबूत कर सकता है और हमारी बुद्धि को भी तेज कर सकता है और हमारी भावनाओं को स्थिर कर सकता है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जहीरुद्दीन ने कहा कि शरीर और आत्मा के लिए तोहफा है योग,खुद को खुद से मिलने का मौका है योग कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि योग मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है जिससे व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानता है।हर वर्ष योग दिवस अलग-अगल थीम पर मनाया जाता है।इस वर्ष विश्व 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है जिसकी थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” कल्याण के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।यह “सर्वे संतु निरामया” (सभी रोग मुक्त हों) के भारतीय लोकाचार से प्रेरित होकर, मानव और ग्रह स्वास्थ्य के परस्पर संबंध पर जोर देता है ।जिस तरह पृथ्वी एक है, ठीक उसी प्रकार हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे हमें दुरस्त रखने की आवश्यकता है।यह दिन लोगों के बीच योग का महत्त्व और लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए बनाया जाता है। योग करने से हम तनाव मुक्त रहते हैं और योग हमें मानसिक शांति प्रदान करता है। योग की सहायता से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को दुरस्त रखा जाता है।प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर सभी प्रकार की बीमारियों से दूर रहता है। है, तो आप पूरी तरह से शांति से भरा एक अलग जीवन जी सकते हैं।इस प्रकार, जब आप योग को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेंगे, तो आप खुद ही इसका रोज़ाना अभ्यास करना शुरू कर देंगे।योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है;विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है।कुलपति ने अपनी वाणी को विराम देते हुए कहा कि तन की थकन, मन की उलझन,सब हल होते योग से,हर दिन नया सवेरा लाता,जब जुड़ते हम संयोग से श्वासों की वह गति निराली,जो भीतर तक बात करे,मौन बने संवाद हमारा,जब ध्यान स्वयं से बात करे।इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों का आयोजन किया गया और हरित योग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण भी कराए जा रहे है।जिसमें योगाभ्यास को प्रकृति प्रेम से जोड़ा गया है।यह अभियान जन-जन को संदेश देता है कि “प्रकृति का संरक्षण और आत्मसंयम का संगम ही सच्चा योग है।”इस अवसर पर वाइस चांसलर प्रोफेसर जहीरुद्दीन,रजिस्ट्रार डा॰एस एन सलाम, परीक्षा नियंत्रक एवं प्राक्टरमो.आरिफ,प्रिंसिपल पेरामेडिकल एवं योग के आयोजन सचिव डा.मो कलीम,प्रोफेसर एवं बॉयज हॉस्टल के वार्डन डा० तनवीर इरशाद,आलमगीर खान,डीन कृषि डॉ गुलफ्शा,एनईपी कोऑर्डिनेटर डॉ फरहान,
डॉ एहसान,अमित सिंह,सद्दाम हुसैन,ब्रजकिशोर यादव ,एडमिशन सेल इंचार्ज
उज़्मा,मोहम्मद इस्लाम,दीपक कुमार,डा.रेखा,डा.इरम,डा. मोबीन,प्रिति यादव,मोहम्मद इरफान,मोहम्मद आसिफ
प्रिति विश्वास,साजिद खान,साकिव ,डा०इरशाद,डा० जुनैद,रेहान,डा.हिलाल,
ज़ीशान ,शहरोज़ आदि शिक्षक गण एवं यूनिवर्सिटी के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।