जनपद रामपुर में झोलाछाप के नाम पर जमकर अबैध बसूली
-अपने अधिकार क्षेत्र से हटकर लाइसेंसी मेडिकल स्टोरों से भी बसूली
-मेडिकल स्टोर स्वामियों को ऑफिस में बुलाकर की जाती है सौदेबाजी
रामपुर। झोलाछाप और अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई के नाम वसूली करने का खेल स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से चल रहा है। शायद यही कारण है कि 100 से अधिक निजी अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई की खानापूर्ति करने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इसके बाद निजी अस्पताल संचालक तथा झोलाछाप डाक्टर मरीजों का जमकर शोषण करते हैं। वर्तमान में भ्रष्टाचार को जन्म देने वाले ऐसे कई अधिकारी तथा बाबू विभाग में दीमक का काम कर रहे हैं।
सूबे में निजाम बदलने के बाद शासन की सख्ती पर जिला प्रशासन ने डॉ दशरथ सिंह के नेतृत्व में टीम अवैध निजी नर्सिंग होम, अस्पताल तथा क्लीनिकों पर कार्रवाई शुरू की। अवैध अस्पतालों के संचालन पर पूर्णतया: रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए गए। इसके नोडल अधिकारी डॉ दशरथ सिंह व ड्राइवर मंगली द्वारा बड़ी तेजी से कार्रवाई भी की गई। लेकिन थोड़े दिन बाद ही मामला ठंडे बस्ते में डाल उनसे वसूली शुरू कर दी गई। नोडल अधिकारी द्वारा वसूली का क्रम जारी कर दिया गया है। अगर विभागीय सूत्रों की मानी जाए तो मामला शांत होने के 15 दिन बाद अवैध अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों से मोटी रकम की वसूली कर उनका नए सिरे से पंजीकरण करने का काम नोडल अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। जहां एक तरफ शासन और जिला प्रशासन पूर्ण रुप से अवैध अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों पर अंकुश लगाने को लेकर गंभीर है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई की आड़ में वसूली करने के साथ निर्देश का खुलेआम धज्जी उड़ाने में लगे हुए है। जिले के कई ऐसे निजी अस्पताल और झोलाछाप चिकित्सक जिनके खिलाफ कार्रवाई होने के बावजूद भी उनका रोजगार धड़ल्ले से जारी है। साथ ही इनके द्वारा लोगों से इलाज के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का चेहता ड्राइवर मंगली ने तो अपनी सीमा पार करते हुए मेडिकल स्टोरों की जांच शुरू कर दी जो एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है व वह अपराध में जेल की हवा भी खा चुका है लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी का चहते होने के कारण फिर से अपनी गुंडागर्दी पर उतारू हो गया है । मेडिकल स्टोरों को अपना मोबाइल नम्बर देकर कहता है कल शाम 4 बजे ऑफिस में आ जाना जहां उन्हें डरा धमकाकर रुपये बसूली करता उन्हें आई पी सी की कई धाराओं में। एफ.आई.आर करने की धमकी देता है उसके इस कृत्य में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर क्लर्क तक शामिल हैं ।
रामपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष जयदीप गुप्ता ने न्यूज पोर्टल नेशनल पुलिस न्यूज
को बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मेडिकल स्टोरों की जांच कर रहे है जबकि इस हेतू खादय सुरक्षा एवम औषधि प्रशासन जिला अधिकारी के नियंत्रणाधीन है व ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 रूल्स 1945 के तहत औषधि निरीक्षक की नियुक्ति है व वह धारा 51 व 22(1) डी के तहत कार्यवाही करने के लिये जो उन्ही के न्याय क्षेत्र में आता है
