आरटीआई कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने कहा, कास्ट डाटा बुक में हुई गड़बड़ी की हो उच्च स्तरीय जांच
रामपुर , । आरटीआई कार्यकर्ता की मांग पर पावर कारपोरेशन ने ईआरपी सिस्टम से स्टॉक इशू रेट को हटाकर आयोग द्वारा जारी कॉस्ट डाटा बुक को अपलोड कर दिया गया है। जयदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि इस बात का भी पुख्ता सबूत है कि कुछ खंडों में कई वर्षों से यह खेल हो रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
जयदीप गुप्ता ने कहा कि पुख्ता जानकारी है कि इआरपी सिस्टम को चलाने वाले कंसलटेंट के पास आईटी विंग पावर कारपोरेशन के एक अभियंता ने मेल पर गलत रेट भेज कर अपलोड कराया। जयदीप गुप्ता ने सवाल उठाया कि जब क्षेत्रीय अभियंताओं को ईआरपी में दर्ज रेट को बदलने का भी अधिकार है तब भी गलत रेट को क्यों अनुमोदित किया गया।
कास्ट डाटा बुक के विपरीत की गई अधिक वसूली के मुद्दे पर जांच में कुछ बिजली खंडों और उप खंडों में कास्ट डाटा बुक का उल्लंघन पिछले कई वर्षों से किये जाने की बात सामने आ रही है। जयदीप गुप्ता ने इसकी छानबीन कराने की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने से अधिक वसूल की गई धनराशि का मिलान इस शर्त के साथ करें कि जो पैसे की उन्हें वापसी हो रही है। अधिक पैसे के टोटल पर जो जीएसटी वसूली गई है। उसकी भी वापसी अपने बिल में सुनिश्चित करा लें, क्योंकि बिजली कंपनियों द्वारा गलत बनाए गए स्टीमेट के पूरे चार्ज पर जीएसटी की वसूली की गई है। इसमें अधिक वसूल की गई धनराशि भी शामिल है। ऐसे में वापसी के समय अधिक वसूल की गई धनराशि के सापेक्ष जीएसटी का भी समायोजन जरूरी है।
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। उत्तर प्रदेश के अनेकों खंडों में 25 जून 2022 के पहले भी कॉस्ट डाटा बुक के विपरीत स्टॉक यीशु रेट से उपभोक्ताओं का स्टीमेट बनाया है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डाटा बुक के विपरीत किस डेट से वसूली की गई है, जिससे उसकी वापसी उपभोक्ताओं को दिलाई जा सके। जयदीप गुप्ता की पूरी टीम छानबीन कर रही है। बहुत जल्द ही पूरे मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।