केमरी नगर पंचायत में टेंडर व राष्ट्रीय पर्वों के विज्ञापन उन अखबारों में छपवाए जो छपते भी नहीं
-चेयरमैन, अधिशासी अधिकारी व लेखा लिपिक ने मिलकर किया वित्तीय घोटाला
बिलासपुर। नगर पंचायत केमरी के विकास के लिए राज्य सरकार के राज्य वित्त आयोग की ओर दिए गए धन का बंदरबांट खूब हुआ। जिसका मौका लगा, उसने दोनों हाथों से लूट की। केमरी में हुए निर्माण चेयरमैन ने अपने लोगों और रिश्तेदारों से कराए। इनके टेंडर उन अखबारों मेें छापे गए जो छपते ही नहीं हैं। छपने वाले अखबारों में विज्ञापन का पेज अपने पास से लगा कर काम करा लिया। अखबार को पता ही नहीं। कुछ पुराने अखबारों में विज्ञापन के पेज लगाकर विकास कार्य करा लिए।
आरटीआई व सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से की शिकायत मे केमरी नगर पंचायत में हुए घोटाले से अवगत कराया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के पैसे को कुछ लोगों ने बांटा ही नहीं लूटा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीति है कि विज्ञापन जनपद में सबसे ज्यादा प्रसार वाले एक क्षेत्रीय अखबार को और एक स्थानीय अखबार को दिया जाए। स्थानीय अखबार का तात्पर्य जनपद से छपने वाले डीएवीपी से मान्यता प्राप्त अखबार से है। केमरी में ऐसा नहीं हुआ। धड़ल्ले से ऐसे अखबारों में विज्ञापन दिए गए जो छपते ही नहीं। सरकारी रिकॉर्ड में जिनका अस्तित्व ही नहीं। जब छपते नहीं तो डीएवीपी से मान्यता का कोई वास्ता ही नहीं।
कुछ विज्ञापन ऐसे अखबारों में छपे जिनके प्रबंधन को पता ही नहीं। अखबारों में छपे विज्ञापन का किसी को पता ही नहीं चला। अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी ने मिलने वालों से टेंडर डलवाकर काम करा लिया। टेंडर डालने वाले अपने थे, तो रेट भी अपने हिसाब से लगाए। उन्होंने कहा कि बहुत पहले बंद हो चुके रामपुर के एक अखबार में विज्ञापन का बिल दिया गया शिकायत मेें कहा गया है कि रामपुर के ऐसे अखबारों में विज्ञापन छपे, जिन्हें कोई जानता नहीं। क्षेत्रीय अखबार के नाम पर जयपुर से छपे अखबार में विज्ञापन छपवाए गए। उन्होंने कहा कि बड़े अखबार के जिला प्रतिनिधि बनकर लोगों ने अपने नाम से बैंक में खाते खोल लिए। चेयरमैन अधिशासी से मिलकर अपने नाम चेक ले लिए और भुगतान ले लिया। अखबार प्रबंधन को पता ही नहीं चला।
उन्होंने कहा कि इसमें एक बैंक का ब्रांच मैनेजर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अखबार के लिए नियम है कि वह अपना विज्ञापन का बिल के रेट जिला सूूचना अधिकारी से सत्यापित कराएगा, इन विज्ञापन में ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा है कि सिर्फ नगर पंचायत केमरी में ही अखबार की प्रति दी। शासन के निर्देशानुसार भेजी जगह ये अखबार नहीं भेजा गया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नीति के विरुद्ध न छपने वाले अखबारों में विज्ञापन छपवाकर लाखों रुपये का घोटाला किया गया। कोई जीएसटी भी नहीं दी गई। अगर बारीकी से जांच हो तो लाखों से ज्यादा की जीएसटी चोरी की गई है।