रामपुर में बिना फायर एनओसी के चल रहा जिला चिकित्सालय
– जिला चिकित्सालय परिसर में दो अस्पताल संचालित हो रहे हैं।
-कभी कोई अग्नि कांड होता है तो भारी जन हानि उठानी पड़ सकती है
रामपुर : जिला चिकित्सालय परिसर में दो अस्पताल संचालित हो रहे हैं। एक संयुक्त और एक महिला विंग है। यहां पर हजारों की भीड़ रोजाना होती है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ विशेष नहीं है। बिजली शार्ट-सर्किट हो या कोई अन्य घटना लेकिन तत्काल सुरक्षा मिलना मुश्किल है। लगभग 20 वर्ष से जिला चिकित्सालय फायर विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र मिले ही धड़ल्ले से संचालित है। ऐसे में देश के अस्पतालों में घटी घटना यहां के लिए भी दुख दाई साबित हो सकती है। लगभग पांच वर्ष शार्ट-सर्किट हुआ था, इसमें कोई घायल नहीं हुआ था, लेकिन भगदड़ मच गई थी। अस्पतालों में अधिकांश बिजली का शार्ट-सर्किट होने से आग लगता है और इसमें मरीजों को अपनी जान गवांनी पड़ती है। ऐसी घटनाएं होने के बाद भी जिला चिकित्सालय को तीन सौ बेड का संचालित है और 250 तक मरीज भर्ती रहते हैं। फिर भी यहां पर अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है। फायर अलार्म सिस्टम ही नहीं है। जो काम चलाऊं संयंत्र है वह भी अपनी दशा पर आंसू बहा रहे हैं। पानी एकत्र करने के नाम पर वाटर हार्वेस्टिंग अस्पताल के बीचों बीच ही बना है। पाइप के प्वाइंट बाक्स खराब पड़े हैं। इसमें पाइप और नाजिल ही गायब है। अंदर में कुल 45 छोटे सिलिंडर लगे हैं। इसमें कई सिलिंडरों का प्रयोग करने की निर्धारित तिथि समाप्त हो चुका है। आपातकालीन द्वार को जाली और प्लास्टिक शीट लगाकर बंद कर दिया गया है। वार्ड से नीचे आने के लिए सीढ़ियाें का प्रयोग करना है, लेकिन सीढ़ियों की चौड़ाई मात्र चार फीट है, ऐसे में एक साथ एक-दो से अधिक नीचे नहीं उतर पाएंगे। वार्डों के बाहर गलियारे में रखे बालू से भरी बाल्टियां इस समय कूड़ादान बन चुका है। एक्स-रे, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जहां मरीज बैठते हैं वहां पर कोई घटना हो जाए तो भगदड़ से ही कई कुचल उठेंगे। क्योंकि एक गलियारे में सौ से अधिक लोग एक साथ जमा रहते हैं। वहीं, सीटी स्कैन नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। चिकित्सालय में 125 केवीए का दो जनरेटर लगा है। ‘फायर अलार्म सिस्टम वर्षो से खराब है । सर्वे के लिए आज तक किसी भी कंपनी को नामित नहीं किया है । इसके बाद ही एनओसी मिलेगी। हालांकि आग को बुझाने में यहां पर पूरी व्यवस्था की गई है, जो खराब है उसे तत्काल बदला जाएगा। सीएमएस’