उत्तर प्रदेश का बिलासपुर बनेगा प्रमाणित बीजों का हब

– उच्च गुणवत्ता एवम उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से अनुमोदित ही बीज विधायन सन्यंत्र बिलासपुर में पैक किए जाते हैं
बिलासपुर। जनपद रामपुर में गेहूं,धान आदि के प्रमाणित बीज कृषि विभाग के मांग पर तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जनपद रामपुर के बिलासपुर में प्रमाणित उन्नतशील प्रजाति के बीजों का ग्रेडिंग हो रही है। बिलासपुर जहां गेहूं एवम् धान के उन्नत किस्म के बीज उत्पादित किए जा रहे हैं । जिनकी भारी मांग प्रदेश के अलावा हरियाणा, पंजाब,बिहार, मध्य प्रदेश में भी है ।
उन्नतशील बीज की तैयारी किसान के खेत से ही हो जाती है । उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के बीज निरीक्षक खेत की बुबाई से फसल पकने तक अपनी निरीक्षण आख्या तैयार करते हैं इसके साथ साथ मानकों पर खरे न उतरने वाले पेड़ो को अपने सामने नष्ट करा दिया जाता है। किसानों को उन्नतशील प्रजातियों के बीज प्रमाणीकरण संस्था से ही लैब टैस्टिंग के बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।
अब वह दिन दूर नहीं कि शीघ्र ही बिलासपुर प्रमाणित बीज का हब बनेगा। धान, गेहूं सहित सभी प्रकार की प्रजातियों के प्रमाणित बीज तैयार करने पर देश में विशेष पहचान बनेगी। यही नहीं कृषि विभाग के मांग पर किसान प्रमाणित बीज तैयार करेंगे। अभी बिलासपुर में लाइसेंसी बीज प्रमाणित विधायन सन्यंत्र से प्रमाणित बीज तैयार किए जाते। हैं ओर देश के कई भागों में भेजा जाता है।
बीज प्रमाणीकरण के लक्ष्य क्या हैं?
सामान्य तौर पर, बीज प्रमाणीकरण एक प्रक्रिया है जिसे आम जनता को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने और उपलब्ध कराने और अधिसूचित प्रकार और फसलों की किस्मों की प्रसार सामग्री को उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि भौतिक पहचान और आनुवंशिक शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए उगाया और वितरित किया जा सके।
बीज प्रमाणीकरण के मानक 1971 में बीज मानक बनाए गए और बीज प्रमाणीकरण के लिए विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना की गई। बीज मूल्यांकन के लिए बीज की भौतिक शुद्धता, अनुवांशिक शुद्धता, जीवन क्षमता, अंकुरण क्षमता, स्वास्थ्य, रंग, रूप, आद्रता, बीज, ओज, सहिष्णुता, यांत्रिक क्षति इत्यादि परीक्षण के जाते है । बीज मुख्यताः प्रजनक बीज, 2. आधारीय बीज, 3. प्रमाणित बीज 4. बीजों की विभिन्न श्रेणियां और पंजीकृत बीज टैग का रंग अलग अलग होता है । बीज अधिनियम 1966 की धारा 5 के अनुसार, इनमें से प्रत्येक बीज पर एक अलग रंग का टैग होता है। इसलिए, हम उन्हें लेबल बीज भी कहते हैं। भारत में बीजों की चार श्रेणियां हैं- परमाणु बीज, ब्रीडर बीज, फाउंडेशन बीज और प्रमाणित या पंजीकृत बीज।
भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणन मानक भारतीय बीज अधिनियम के तहत न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक कहे जाने वाले भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक बनाए गए हैं, जो बीज की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आधार है । बुनियादी या ब्रीडर बीजों के उत्पादन में भाग लेने के लिय उसके अलग मानक निर्धारित हैं । वर्तमान में प्रमाणित बीज के मामले में बिलासपुर उत्तर प्रदेश में उत्तम स्थान पर है। यहां 35 फीसद प्रमाणित बीज का उत्पादन किया जाता है और 65 फीसद बीज दूसरी जगह पर तैयार किया जाता है। पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज बनने पर यहां के किसानों को दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। यही कारण है कि समय पर किसानों को प्रमाणित बीज मिल पाता है और उन्हें बाजार से बीज मिल जाता है, जिसका असर उत्पादन पर पड़ता है। गेंहू एवम धान की बंपर पैदावार होने के कारण यहां के बीज की क्वालिटी अच्छी मिल पाती है।
बिलासपुर के बीज विधायन सन्यंत्र किसान से फसल खरीद कर उन्नतशील प्रजातियों का बीज का उत्पादन कर प्रमाणित बीज तैयार होता है। बिलासपुर के बीज विधायन सन्यंत्र से कड़े मानकों एवम हमारे निरीक्षकों की मौजूदगी में ग्रेडिंग से प्रजाति वार पैकिंग की जाती है किसानों को यह बीज प्राप्त होगा। इससे बिलासपुर प्रमाणित बीज का न केवल हब बनेगा, बल्कि देश में भी पहचान बनेगी। – उप निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था बिलासपुर रामपुर में सभी प्रकार के प्रमाणित बीज शहर में ही मिलने से किसान खेती में रुचि ले रहे हैं और पैदावार बढ़ा रहे हैं। – सुरेश कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष बिलासपुर बीज उत्पादक संघ बिलासपुर जनपद रामपुर