केमरी तिराहा बिलासपुर में सरदार बल्देव सिंह औलख ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा का अनावरण
बिलासपुर । बिलासपुर नगर पालिका परिषद के केमरी तिराहा पर भारतीय पटेल समाज महासभा बिलासपुर द्वारा स्वयं के खर्च पर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आदमकद प्रतिमा का अनावरण कृषि राज्य मंत्री बल्देव सिंह औलख ने किया । साथ ही केमरी तिराहे का नाम पटेल तिराहा रखने की घोषणा की । सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रतिमा अनावरण के समारोह में बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा। इसके लिए पटेल समाज द्वारा एक समारोह का आयोजन भी केमरी तिराहा पर किया गया।
समारोह में भाजपा नगर अध्यक्ष चेतन परुथी, ब्लाक अध्यक्ष कुलवंत सिंह औलख, बुद्धि जीवी, पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दल के प्रतिनिधि उप ज़िला अधिकारी मयंक गोस्वामी, पुलिस क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार सिंह,नायब तहसीलदार,नगर कोतवाल,मेहर सिंह देवल,शिव देव शौरी, सरदार जोगपाल सिंह, गुरू कीरत सिंह,रमेश गंगवार,अनिल मदान, चित्रक मित्तल (भावी प्रत्याशी)सत्यपाल जिन्दल व्यापार मंडल के अध्यक्ष हरवंश तनेजा, धन्नुमल बंसल, कैमिस्ट एसो के जिला महासचिव जयदीप कुमार गुप्ता अध्यक्ष प्रेस क्लब, हरविंदर सिंह, नितिन गर्ग,अनमोल रस्तोगी,अनिल शर्मा, मोहम्मद मुस्तफा, शंकर गुप्ता,पवन शौरी साहित भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता मौके पर मौजूद थे। वक्ताओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल को देश का सशक्त राजनीतिक और महापुरुष बताते हुए कहा कि उन्हें इसी लिए लौह पुरुष कहा जाता है कि अखंड भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। यदि वे नहीं मजबूत कदम उठाते तो देश आज कई टुकड़ों में बंटा होता । उन्होंने 500 से अधिक रियासतों को अपनी प्रतिभा और अपनी मजबूती से एक कर दिया और भारत पूरी दुनिया में आज एक सशक्त भारत के रूप में मजबूती से खड़ा है। सरदार बल्लभ भाई पटेल के कृतित्व और व्यक्तित्व की चर्चा लोगों ने समारोह में करते हुए राजनीतिक विमर्श पर भी विचार-विमर्श किया। इस समारोह में बड़ी संख्या में जुटे लोगों को विभिन्न वक्ताओं के द्वारा संबोधित किया गया। मूर्ति अनावरण आयोजित समारोह के बाद प्रतिमा अनावरण के बाद लोगों ने इसे एक सामाजिक काम बताया । बता दें कि बिलासपुर के पटेल समाज के निजी खर्च पर पर इस तरह की प्रतिमा का लोकार्पण हो पाया। उनके द्वारा सक्रिय भागीदारी दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सामाजिक और राजनीतिक लोग थे ।