रामपुर । संस्कृति संवर्धन प्रकल्प के तत्वावधान में सरस्वती शिशु मंदिर, नैनीताल मार्ग, बरेली में जनपदीय स्तरीय श्रीमद् भगवद् गीता प्रतियोगिता डॉ राजेश भारद्वाज, सेवा निर्मित संस्कृत संकायाध्यक्ष,बरेली कॉलेज, बरेली के मुख्यातिथ्य में संपन्न हुई। प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के 170 छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसके अतिरिक्त बरेली कॉलेज बरेली, महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय तथा साहू राम स्वरूप कन्या महाविद्यालय के 42 छात्र छात्राओं ने श्रीमद्भगवद्गीता के अष्टम अध्याय से संबंधित मौलिक निबंध प्रस्तुत किए । इस अवसर पर अध्यक्ष पद से बोलते हुए डॉ मीनाक्षी चंद्रा ने कहा कि गीता कर्म क्षेत्र की साधना और भगवद् आराधना के समन्वय की सशक्त रचना है। जीवन मूल्यों की स्थापना और अत्याचार,अनाचार के विरुद्ध आवाज उठाने हेतु जागृत करने वाली अनुपम सीख है।मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए डॉ राजेश भारद्वाज ने कहा- श्रीमद्भगवद्गीता उस समय कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में जितनी सशक्त और प्रासंगिक थी, उतनी क्या उससे भी अधिक दैनिक जीवन में आज भी जन-जन के लिए प्रासंगिक है। गीता का ज्ञान युगयुगों तक दिग्भ्रमित लोगों का पथ प्रशस्त करता रहेगा। प्रतियोगिता संयोजक महेश चंद शर्मा ने बताया कि संस्कृति संवर्धन प्रकल्प प्रतिवर्ष जन जागरण एवं नौनिहालों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए गीता प्रतियोगिता जैसे आयोजन करता रहता है। इस आयोजन में प्रत्येक आयु वर्ग एवं कक्षाओं के बच्चे रुचि पूर्वक भाग लेते हैं । इस अवसर पर डॉ. मीनाक्षी चंद्रा विभागाध्यक्ष बी.एड. ,उदय प्रताप सिंह,कवि आनंद गौतम, डॉ सुरेश चंद्र शर्मा, डॉ. गोविन्द दीक्षित आदि ने विचार व्यक्त किए। निर्णायक मंडल में डॉ रामशरण पांडे, डॉ अनीता त्यागी, डॉ. चंद्रप्रभा रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुनील कुमार सिंह ने सभी का स्वागत कर आभार व्यक्त किया।