गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी पितृ अमावस्या पर लावारिस शलों की अस्थियां मनाच्याण कैसाथ वृज घाट गंगा नदी में विर्सजन की गई। साल भर से अपनो का इंतजार कर रही इन अरियों की सहेजने जब कोई नहीं आया। ती कमात्रत के अन्तिम दिन पितृ अमावस्या विर्द्धजन किया गया। संश्चन भूमि यो ने जाति धर्म से सदस्यों की कामना की। अपर 30 कार में अरिधयों के समिति मी गंगा में हंव कमेटी के समी प्रवाहित कर भुम्लि
संस्था हर साल लावारिस शवों को अंतिम संस्कार कर मुक्ति दिलाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान करती ही समिति अध्यक्ष राजीव मांगतिक ने बताया एक समिति शों के दाह संस्कार के निर्मलको उपना एंव सामग्री उचित मूल्य पर उपलब्ध करातीही एवं गरीब व असहाय के लिये शिशुल्क रही उपलब्ध कराती ही समिति के अध्यक्ष राजीव मांगलिक जीनेतामा हार वर्ष भी 39 लावरिस शव मिले जिम का अन्तिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया। सभी की अस्थिमा सुरक्षित रखो गई थी।
वितृ अमावस्या अदित वाहन में रखकर यहाँ से अरिचय को वृजबार ले जाकर मंत्र उच्चारण के साथ गंगा में विसर्जित कर उनकी मुक्ति की कामना की गई। झी मौन पर समिति अध्यक्ष राजीव मांगलिक समिति कोषाध्यम वीरेश कुमार Thi समिति उमेश भन्छ समर्माता कार्यकारी महामो विकास भन्त्रवाल, संजय अग्रवाह, गिरीश कुमार गुप्ता, बिनोद कुमार असवाल, आन्दै उपस्थित रही राजेन्द्र, प्रेम, वाबूराम, टिन्क